छत्तीसगढ़

रायपुर पुलिस ने नकली सिम कार्ड बेचने वाले दो एजेंटों को किया गिरफ्तार

रायपुर। रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के नेतृत्व में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत पुलिस ने दो ऐसे प्वाइंट ऑफ सेल (POS) एजेंटों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी सिम कार्ड बेच रहे थे। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल पहचान की चोरी और कम कीमत पर सामान देने के बहाने की जाने वाली धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों में हो रहा था।

दर्ज मामला और धोखाधड़ी

रायपुर के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला (अपराध क्रमांक 290/25) दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक ₹18.52 लाख की साइबर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है, जिसमें 41 मोबाइल सिम कार्ड का उपयोग किया गया था।

जाँच और गिरफ्तारी

रेंज साइबर थाने ने इस मामले की गहनता से जाँच की। इसमें सिम प्रदाता कंपनियों से मिली जानकारी और तकनीकी विश्लेषण का सहारा लिया गया। पीड़ितों और गवाहों से पूछताछ के बाद दो POS एजेंटों, आशीष सिंह और पन्ना लाल साहू, की संलिप्तता सामने आई। दोनों को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।

गिरफ्तार किए गए एजेंटों के नाम:

आशीष सिंह: 29 वर्ष, निवासी सहीजीवार, जिला रीवा (मध्य प्रदेश)

पन्ना लाल साहू: 33 वर्ष, निवासी परसतराई, जिला रायपुर

अपराध का तरीका

पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने बताया कि वे नए सिम कार्ड लेने या नंबर पोर्ट कराने आए ग्राहकों के अंगूठे का डबल स्कैन या आँख ब्लिंक करवाकर ई-केवाईसी के जरिए एक और सिम जारी कर देते थे।

इसके अलावा, जिन ग्राहकों के पास आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी होती थी, उनका विवरण वे खुद सत्यापित करके डी-केवाईसी के माध्यम से फर्जी सिम एक्टिवेट कर लेते थे। इन फर्जी सिम कार्डों को बाद में वे साइबर अपराधियों को ज़्यादा कीमत पर बेच देते थे।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि इस मामले की जाँच अभी भी जारी है और उम्मीद है कि इस नेटवर्क से जुड़े और भी लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

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