सेबी की चेतावनी : डिजिटल गोल्ड और ऑनलाइन उत्पादों पर निवेशक सुरक्षा का अभाव

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों को डिजिटल गोल्ड और गोल्ड से संबंधित ऑनलाइन निवेश विकल्पों के प्रति सचेत किया है। सेबी ने आगाह किया है कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म निवेशकों को डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड जैसे उत्पादों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिन्हें अक्सर फिजिकल गोल्ड (भौतिक सोना) में निवेश का एक सुविधाजनक विकल्प बताया जाता है।
नियामक ने स्पष्ट किया है कि ये उत्पाद सेबी के विनियामक दायरे में नहीं आते हैं, और इसलिए इन पर किसी भी प्रकार का निवेशक सुरक्षा तंत्र लागू नहीं होता है।
सेबी की मुख्य सलाह
सेबी ने साफ किया कि डिजिटल गोल्ड को न तो प्रतिभूतियों के रूप में मान्यता प्राप्त है और न ही इन्हें कमोडिटी डेरिवेटिव के रूप में विनियमित किया गया है। इसका अर्थ है कि इन उत्पादों में निवेश करने वाले निवेशक किसी भी हानि या विवाद की स्थिति में सेबी की सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते।
सेबी ने निवेशकों को सलाह दी है कि सोने या सोने से जुड़े साधनों में निवेश के लिए वे केवल उन वैध विकल्पों को प्राथमिकता दें, जो सेबी-पंजीकृत संस्थाओं द्वारा पेश किए जाते हैं।
उदाहरण के लिए:
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)
गोल्ड म्यूचुअल फंड योजनाएं
ये सभी विकल्प पूर्ण निवेशक सुरक्षा मानकों और नियामक ढांचे के तहत आते हैं।
क्या है डिजिटल गोल्ड?
डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन माध्यम से सोना खरीदने का एक तरीका है। इसमें निवेशक द्वारा खरीदा गया सोना सुरक्षित और बीमाकृत तिजोरियों में भौतिक रूप से रखा जाता है।
हालांकि, जैसा कि सेबी ने अपनी हालिया अधिसूचना में कहा है, ये उत्पाद सेबी के निवेशक सुरक्षा मानदंडों के तहत विनियमित नहीं होते हैं। निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि डिजिटल गोल्ड के उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), पूंजीगत लाभ कर (Capital Gain Tax), और शॉर्ट टर्म बेनिफिट टैक्स जैसे कर भी लागू होते हैं।
डिजिटल गोल्ड के बढ़ते चलन के कारण, PhonePe, Google Pay, Paytm और टाटा समूह की CaratLane जैसे प्लेटफॉर्म अब मोबाइल-आधारित डिजिटल गोल्ड विकल्प पेश कर रहे हैं। ये कंपनियां SafeGold, MMTC-PAMP और Tanishq जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी करके यह सेवा प्रदान करती हैं।
















