धर्म कर्म

जानें आज का व्रत व त्यौहार : आज हैं बहुदा यात्रा

 न्यज डेस्क (एजेंसी)। जगन्नाथ रथ यात्रा भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ जगत प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी मंदिर में आयोजित की जाती है। आदि गुरु शंकराचार्य के निर्देशानुसार एक हिंदू को अपने जीवन काल में चार धाम यात्रा अवश्य करनी चाहिए। जगन्नाथ धाम मंदिर इन चार तीर्थस्थलों में से पूर्व दिशा की ओर स्थापित धाम है।

गुण्डिचा माता मंदिर रथ यात्रा से एक दिन पहिले भगवान जगन्नाथ के विश्राम के लिए साफ किया जाता है, मंदिर की सफाई के इस अनुष्ठान को गुण्डिचा माजन के नाम से जाना जाता है। तथा मंदिर की सफाई के लिए जल इन्द्रद्युम्न सरोवर से लाया जाता है। रथ यात्रा में प्रयोग होने वाले रथ का निर्माण कार्य अक्षय तृतीया के शुभ पर्व पर भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद के साथ हो जाता है।

संबंधित अन्य नाम- पुरी रथ यात्रा, हेरा पंचमी, गुण्डिचा माजन, बहुदा यात्रा, स्नान यात्रा, स्नान पूर्णिमा, अधर पना, नीलाद्रि बीजे, सुना बेश, संध्या दर्शन/नवमी दर्शन, गजानन बेश, नेत्र उत्सव
शुरुआत तिथि- आषाढ़ शुक्ल द्वितीया
उत्सव विधि- रथ यात्रा, प्रार्थना, कीर्तन।

बहुदा यात्रा

देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान जगन्नाथ चार महीने के लिए अपनी निद्रा मे चले जाते हैं। इससे पहले, भगवान जगन्नाथ को अपने मुख्य मंदिर मे लौटना आवश्यक है। अतः रथयात्रा के 8वें दिन के बाद, दशमी तिथि पर अपने मुख्य मंदिर लौटने की यात्रा को बहुडा यात्रा के नाम से जाना जाता है। बाहुदा यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ देवी अर्धासिनी घर में एक छोटा सा पड़ाव रखते हैं। माँ अर्धासिनी के इस मंदिर को मौसी माँ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button