धर्म कर्म

आज का व्रत व त्यौहार : आज चंद्र नवमी

न्युज डेस्क (एजेंसी)। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को श्री चंद्र नवमी के रूप में मनाया जाता है। वैदिक ज्योतिष में चाँद (चंद्रमा) को मन का कारक ग्रह कहा गया है। चाँद मन को नियंत्रित करता है। यह भावनाओं की झड़ी लगा देता है। यह किसी की मानसिक स्थिति को मजबूत कर सकता है, किसी की स्थिति को खराब भी कर सकता है। यह माता का कारक ग्रह भी होता है (अर्थ: मां का सीधा संबंध चंद्र ग्रह से होता है। ज्योतिष में चंद्रमा को स्त्रीग्रह माना गया है। मन और माता दोनों का कारक चंद्र ग्रह है।)।

चंद्र नवमी व्रत क्यों मनाया जाता है?

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह खराब हो तो वह अस्थिर रहता है और बात-बात पर विचलित हो जाता है। और यदि चंद्र बलवान हो तो जातक सचेत निर्णय लेने वाला होता है एवं हर जगह खुश रहता है। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा भी खराब स्थिति में है तो आपको चंद्र नवमी के दिन चंद्रदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके साथ ही कुछ विशेष उपाय भी किए जा सकते हैं, जिससे व्यक्ति का चंद्र ग्रह बलवान होसके।

चंद्र नवमी व्रत कैसे करें?

चंद्र नवमी के दिन व्रत रखा जाता है। जो लोग चंद्र नवमी का व्रत रखते हैं, उन्हें सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान से निवृत्त होकर अपने पूजा कक्ष में भगवान के सामने चंद्र नवमी व्रत का संकल्प करना चाहिए।
इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें, व्रत के दौरान फल का सेवन किया जा सकता हैं।

रात में जब चंद्रमा उदय हो तो चंद्रमा के दर्शन करें, उसके पश्चात जल और अक्षत चढ़ाएं तथा अपने सभी संकटों के विनाश की कामना करके व्रत का पारायण करें।

चंद्र नवमी व्रत के लाभ

जिन लोगों की कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति खराब है, वे कमजोर हैं, उन्हें चंद्र की ताकत के लिए यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
चंद्र नवमी के दिन चांदी का चंद्रमा बनाकर गले में धारण करने से चंद्र ग्रह मजबूत होता है।

कमजोर मानसिक स्थिति वाले लोगों को चांदी की अंगूठी में आठ कैरेट का मोती बनाकर कनिष्ठा अंगुली में धारण करना चाहिए।
अगर आर्थिक स्थिति कमजोर है तो चंद्र नवमी के दिन चंद्र यंत्र को घर में स्थापित करें। इससे जल्द ही पैसों की कमी दूर हो जाएगी।

चंद्र नवमी के दिन चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने घर की तिजोरी में रखें, आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगेगा।

संबंधित अन्य नाम- चंद्र नवमी व्रत, उदासीन संप्रदाय उत्सव
शुरुआत तिथि- भाद्रपद शुक्ल नवमी
कारण- उदासीन संप्रदाय का प्रमुख उत्सव, चंद्रमा को समर्पित
उत्सव विधि- व्रत, पूजा, भजन-कीर्तन, उदासीन संप्रदाय भजन।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button