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आज का व्रत व त्यौहार : दुर्गा पूजा

न्युज डेस्क (एजेंसी)। दुर्गा पूजा को माँ दुर्गा द्वारा दुष्ट राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्‍ति की खुशी में मनाया जाता है, इसलिए माँ को दुर्गतनाशिनी (भक्तों के संरक्षक) के रूप में पूजा जाता है। बंगाल, असम और ओडिशा में पूजा को पूजो के रूप में प्रख्यातित है।

महालया से उत्सव प्रारंभ होता है, इस दिन से मूर्तियों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाता है। परंतु वास्तविक पूजो महा षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में परिभाषित की गयी है। दशहरे के दिन माँ दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा का समापन हो जाता है।

पश्चिमी बंगाल की दुर्गा पूजा को 15 दिसंबर 2021 को UNSCO में मानवता द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में सम्मिलित किया गया है। दुर्गा पूजा की यह विशेषता इस पर्व के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण भारतवर्ष के लिए गौरवान्वित का विषय है।

दुर्गा पूजा महत्व बिधि

दुर्गा पूजा पाँच दिनों तक मनाया जाता है। इन पाँच दिनों को षष्ठी, महासप्तमी, महाष्टमी, महानवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।

महा षष्ठी – दुर्गा पूजा का दिन 1

20 अक्टूबर 2023

बिधि – बिल्व निमन्त्रण, कल्पारम्भ

अकाल बोधन, आमन्त्रण और अधिवास

महा सप्तमी – दुर्गा पूजा का दिन 2

21 अक्टूबर 2023

बिधि – नवपत्रिका पूजा, कलाबोऊ पूजा

महा अष्टमी – दुर्गा पूजा का दिन 3

22 अक्टूबर 2023

बिधि – दुर्गा अष्टमी, कुमारी पूजा, सन्धि पूजा

महा नवमी – दुर्गा पूजा का दिन 4

23 अक्टूबर 2023

बिधि – महा नवमी, दुर्गा बलिदान, नवमी हवन

विजयदशमी – दुर्गा पूजा का दिन 5

24 अक्टूबर 2023

बिधि – दुर्गा विसर्जन, विजयदशमी, सिंदूर खेला

 

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