धर्म कर्म

आज का व्रत व त्यौहार : आज तुलसी विवाह

न्युज डेस्क (एजेंसी)। तुलसी विवाह, माँ तुलसी और भगवान विष्णु का विवाह अनुष्ठान है। इस त्यौहार के दौरान कन्यादान समारोह सहित सभी शादी से संबंधित अनुष्ठान किए जाते हैं। माता तुलसी, देवी लक्ष्मी का अवतार कही जातीं है, जो वृंदा के रूप में पैदा हुई थीं।

तुलसी विवाह सामान्यतः किसी भी हिंदू शादी की तरह ही संपन्न होता है। जिसके अंतर्गत दुल्हन रूप मे तुलसी का पौधा एवं दूल्हा शालीग्राम रूप में भगवान विष्णु होते हैं, महिलाएं विवाह गीत एवं भजन गाती हैं। तुलसी विवाह मे मंगलाष्टक मंत्र का गान करने की परंपरा है।

घर एवं मंडप को विवाह की तरह सजाया जाता है, तथा तुलसी जी को लाल चुनरी एवं 16 श्रंगार का सामान चढ़ाया जाता है। अग्नि को साक्षी मानकर शालिग्राम एवं तुलसी को हाथ में पकड़ कर फेरे दिलाए जाते हैं। विवाह के उपरांत प्रीतिभोज का आयोजन भी किया जाता है।

तुलसी के सामने दीपक प्रज्वलन की महिमा:

तुलसी के पौधे के पास शाम को दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है एवं नकारात्मक ऊर्जा का केया होता है। स्कन्द पुराण के अनुसार जिन घरों में तुलसी की पूजा की जाती है, उन घरों में यमदूत कभी प्रवेश नहीं करते हैं।

तुलसी दल तोड़ने का मंत्र:

तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया ।

चिनोमी केशवस्यार्थे वरदा भव शोभने ॥

त्वदङ्गसम्भवैः पत्रैः पूजयामि यथा हरिम् ।

तथा कुरु पवित्राङ्गि! कलौ मलविनाशिनि ॥

संबंधित अन्य नाम तुलसी पूजन दिवस, तुलसी पूजा, तुलसी एकादशी

सुरुआत तिथि कार्तिक शुक्ला एकादशी

कारण माता तुलसी विवाह अनुष्ठान।

उत्सव विधि श्री राम / श्री कृष्ण मंदिर में उपवास, कन्यादान, व्रत, भजन, कीर्तन।।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button