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शरदीय नवरात्री के नवीं दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें पूजा विधि व महत्व

न्युज डेस्क (एजेंसी)। आदि शक्ति मां भवानी की नवीं शक्ति को सिद्धिदात्री कहा जाता है। नवरात्रि पूजन के नवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मां का यह रूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है और लौकिक-परलौकिक सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति
होती हैं।

सिद्धिदात्री माता के पूजन की विधि

सर्वप्रथम कलश की पूजा व उसमें स्थित सभी देवी-देवताओ का ध्यान करना चाहिए। रोली, मोली, कुमकुम, पुष्प चुनरी आदि से मां की भक्ति भाव से पूजा करें। हलुआ, पूरी, खीर, चने, नारियल से माता को भोग लगाएं। इसके पश्चात माता के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस दिन नौ कन्याओं और एक बालक को घर में भोजन करना चाहिए। कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर और 10 वर्ष तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए।

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