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जब टूटे जबड़े के बावजूद मैदान पर उतरा ये भारतीय खिलाड़ी, अब ऋषभ पंत ने दिखाया दम, जीत गया क्रिकेट

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला खेला जा रहा है. इस मुकाबले के दूसरे दिन (24 जुलाई) भारतीय टीम के उप-कप्तान ऋषभ पंत ने जो जज्बा दिखाया, उसकी खूब चर्चा हो रही है. ऋषभ पंत फ्रैक्चर के बावजूद बैटिंग करने उतरे और पहली पारी में 54 रन बनाए.

ऋषभ पंत को इस मुकाबले के पहले दिन चोट लग गई थी और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा था. तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स के खिलाफ पर रिवर्स स्वीप मारने की कोशिश में गेंद ऋषभ पंत के दाएं पैर के अंगूठे पर जोर से लगी थी. इसके चलते उनका अंगूठा फ्रैक्चर हो चुका है. जब ऋषभ पंत पहले दिन रिटायर्ड हर्ट हुए तब वो 37 रनों पर थे.

अब दूसरे दिन उन्होंने अपने खाते में 17 रन जोड़े. ऋषभ पंत ने इस दौरान एक पैर पर खड़े होकर बैटिंग की और जोफ्रा आर्चर की गेंद पर छक्का भी लगाया. पंत की बहादुरी की फैन्स और क्रिकेट विशेषज्ञ तारीफ कर रहे हैं. पंत ने पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की याद दिला दी है, जिन्होंने एक बार टूटे जबड़े के बावजूद मैदान पर गेंदबाजी करने उतर गए थे.

कुंबले पट्टी बांधकर उतरे और लारा को किया आउट

ये वाकया 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा के सेंट जॉन्स में खेले गए टेस्ट मैच का है. कुंबले को उस मुकाबले में बैटिंग के दौरान तेज गेंदबाज मर्वन डिल्लन की गेंद लग गई थी. कुंबले ने खून बहने के बावजूद भारत की पहली पारी में 20 मिनट तक और बल्लेबाजी की. इसके बाद वेस्टइंडीज की पहली पारी में टूटे जबड़े के बावजूद अनिल कुंबले ने लगातार 14 ओवर डाले. तब कुंबले मुंह पर पट्टी बांधकर गेंदबाजी करने उतरे थे. कुंबले ने ब्रायन लारा का विकेट भी लिया. वो मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ, लेकिन कुंबले के उस जज्बे को आज भी भारतीय फैन्स भूले नहीं है.

…जब मैल्कम मार्शल ने इंग्लैंड को तहस-नहस कर डाला

साल 1984 में वेस्टइंडीज के लिए इंग्लैंड दौरा काफी यादगार रहा था. तब क्लाइव लॉयड की कप्तानी वेस्टइंडीज ने मेजबान इंग्लैंड का 5-0 से सफाया किया था. उस दौरे का सबसे दिल छू लेने वाला लम्हा लीड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में देखने को मिला था, जब मैल्कम मार्शल ने बाएं हाथ में फ्रैक्चर के बावजूद तूफानी गेंदबाजी करके अपनी टीम को जीत दिलाई थी.

उस मुकाबले में इंग्लैंड की पहली पारी के 270 रनों के जवाब में वेस्टइंडीज की टीम मुश्किल में थी क्योंकि उसका स्कोर एक समय 206/7 था. फिर लैरी गोम्स ने माइकल होल्डिंग के साथ आठवें विकेट के लिए 82 रन जोड़े. होल्डिंग के आउट होने के बाद जोएल गार्नर का नंबर आया, लेकिन टीम के कुल स्कोर में दो रन और जुड़े थे कि वह रन आउट हो गए. गोम्स तब 96 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. हालांकि फैन्स आश्चर्य में पड़ गए जब मैल्कम मार्शल बाएं अंगूठे में डबल फ्रैक्चर के बावजूद बैटिंग करने उतरे.

मैल्कम मार्शल को चोट फील्डिंग करते समय लगी थी और उनके हाथ में प्लास्टर चढ़ाया गया था. मार्शल सिर्फ दाएं हाथ से बल्ला पकड़कर खेले. पहला बॉल मिस किया, लेकिन अगली गेंद पर चौका जड़ा. उन्होंने लैरी गोम्स को सेंचुरी पूरी करने में मदद दी. मार्शल जब आउट हुए, तब तक वेस्टइंडीज को पहली पारी के आधार पर 32 रनों की लीड मिल चुकी थी. दूसरी पारी में जब इंग्लैंड की टीम बैटिंग करने उतरी, तब मार्शल ने दर्द भुलाकर कहर बरपाया. उन्होंने 26 ओवर में 53 रन देकर 7 विकेट चटकाए. इंग्लैंड दूसरी पारी में सिर्फ 159 रन पर ढेर हो गया और वेस्टइंडीज ने 8 विकेट से जीत दर्ज की.

इसके अलावा भी कुछ ऐसे मौके आए, जब गंभीर रूप से चोटिल होने के बावजूद खिलाड़ी ने अपनी टीम के लिए पूरी जान लगा दी.

  1. गैरी कर्स्टन : अक्टूबर 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीकी दिग्गज गैरी कर्स्टन की नाक टूट गई थी. कर्स्टन को ये इंजरी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की शॉर्ट पिच गेंद पर हुई थी. कर्स्टन को इलाज के लिए मैदान छोड़ना पड़ा, तब कर्स्टन 53 रनों पर रिटायर्ड हर्ट हए थे. लेकिन जब साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी में हालत खराब थी, तो वो दोबारा मैदान पर उतरे और 46 रन बनाए. साउथ अफ्रीका को उस मैच में हार जरूर मिली, लेकिन कर्स्टन का हौसला जीत गया.
  2. ग्रीम स्मिथ : जनवरी 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ का बाया हाथ टूट गया था. तब साउथ अफ्रीका की पहली पारी में मिचेल जॉनसन की गेंद उनके हाथ पर जा लगी थी और वो 30 रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे. उस मैच में जब साउथ अफ्रीकी टीम हार के कगार पर थी और उसके 9 विकेट गिर गए थे, तो दूसरी पारी में ग्रीम स्मिथ क्रीज पर आए और 17 गेंदें खेलीं. भले ही साउथ अफ्रीकी टीम हार गई, लेकिन वो पल इतिहास बन चुका था.
  3. बर्ट सटक्लिफ : दिसंबर 1953 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बर्ट सटक्लिफ ने जो जज्बा दिखाया, वो काबिलेतारीफ था. न्यूजीलैंड की पहली पारी में सटक्लिफ को गंभीर चोट लगी. इसके चलते कान की लोब फट गई थी, लेकिन जब उनकी टीम बिखर रही थी तो वो सिर पर पट्टी बांधकर दोबारा बैटिंग करने उतरे और नाबाद 80 रन बनाए. साउथ अफ्रीका ने वो टेस्ट मैच 132 रनों से जीत लिया था, लेकिन सटक्लिफ के साहस की आज भी प्रशंसा की जाती है.
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