राज्य सरकार खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। विश्व कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट और छत्तीसगढ़ की गौरव आकांक्षा सत्यवंशी ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य मुलाकात की और अपनी ऐतिहासिक जीत की खुशियाँ साझा कीं।
आकांक्षा सत्यवंशी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। यहाँ की मिट्टी, यहाँ के लोगों के प्यार, शिक्षा और संस्कारों ने ही मुझे इस मुकाम तक पहुंचने की शक्ति दी है।”
मुख्यमंत्री श्री साय ने आकांक्षा को बधाई देते हुए कहा कि “आपकी सफलता पूरे छत्तीसगढ़ की सफलता है। महिला क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप जीतने के अभियान में छत्तीसगढ़ की बेटी का शामिल होना हर प्रदेशवासी को इस जीत में सहभागी होने का अनुभव कराता है।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आकांक्षा को मेडल पहनाया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया।
छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आकांक्षा सत्यवंशी की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कहा कि “आपने यह सिद्ध कर दिया है कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आपकी यह सफलता आने वाली पीढ़ी की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल, शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों को बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है, ताकि और भी युवा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ‘खेल अलंकरण सम्मान’ को दोबारा शुरू कर रही है, साथ ही, ओलंपिक में भाग लेने और पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों की खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए ‘बस्तर ओलंपिक’ जैसे आयोजनों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार का मुख्य लक्ष्य खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराना है, जिसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
जीत में छत्तीसगढ़ की भागीदारी का गौरव
फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने मुख्यमंत्री के साथ इस ऐतिहासिक जीत के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “वर्ल्ड कप जीतना न केवल भारतीय महिला टीम की सफलता है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ का भी सम्मान है। मुझे गर्व है कि मैंने अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए इस जीत में योगदान दिया।”
उन्होंने बताया कि यद्यपि वे मैदान में सक्रिय खिलाड़ी के रूप में नहीं थीं, लेकिन खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, फिटनेस और रिकवरी को बनाए रखने की अहम जिम्मेदारी उनकी रही। उन्होंने कहा, “मैं अपनी टीम के साथ हमेशा एक चट्टान की तरह खड़ी रही। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं टीम को जीत तक पहुंचाने की यात्रा में सहयोगी रही।”
आकांक्षा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि “यदि आपका लक्ष्य सच्चा है और आपकी मेहनत ईमानदारी से भरी है, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता — बस लगातार प्रयास और आत्मविश्वास की ज़रूरत है।”
इस भेंट के दौरान आकांक्षा ने मुख्यमंत्री को भारतीय महिला टीम की जर्सी भी भेंट की और वर्ल्ड कप अभियान की कुछ मनोरंजक यादें साझा कीं।
फिट रहने का मंत्र: नियमित दिनचर्या, संयमित खानपान और योग
आकांक्षा ने मुख्यमंत्री के साथ खिलाड़ियों की फिटनेस पर विस्तार से चर्चा की और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ टीम की मुलाकात का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि खेल हमारी जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए, और यह हम सबके लिए प्रेरणादायक है। फिटनेस को लेकर उनकी सीख हर किसी को स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।”
आकांक्षा ने उत्सुकतावश मुख्यमंत्री से उनके फिटनेस का रहस्य पूछा, जिस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने जवाब दिया: “हम सभी प्रधानमंत्री जी से प्रेरित हैं। उनकी सक्रियता, ऊर्जा और अनुशासन हमें सीख देते हैं। संतुलित आहार, योग और एक नियमित दिनचर्या ही फिट रहने का मेरा मंत्र है।”
सम्मान राशि की घोषणा: गौरतलब है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप जीत में छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी ने बतौर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ टीम के साथ रहकर खिलाड़ियों की फिटनेस और मानसिक मजबूती को बनाए रखने में अमूल्य योगदान दिया है। उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें 10 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा की है।
आकांक्षा का संक्षिप्त परिचय: दुर्ग में जन्मी आकांक्षा का परिवार रायपुर में रहता है, और उनका पैतृक गाँव कवर्धा है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और फिजियोथेरेपी में स्नातक की पढ़ाई छत्तीसगढ़ से पूरी की, जबकि मास्टर्स डिग्री कटक से प्राप्त की। 2019 में, उन्होंने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट टीम (CSCS) के साथ बतौर फिजियोथेरेपिस्ट अपना पेशेवर करियर शुरू किया। केवल छह वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय खेल जगत में अपनी पहचान बनाई। 2022 में उन्हें भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप अभियान में शामिल किया गया।
















