दुबई में प्रॉपर्टी : भारतीय निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और इसके कारण

दुबई (एजेंसी)। दुबई का रियल एस्टेट बाजार इन दिनों भारतीय निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है। अब भारतीय न केवल देश के बड़े शहरों में, बल्कि खाड़ी देश के आलीशान अपार्टमेंट्स और विला में भी जमकर निवेश कर रहे हैं। इस बढ़ते रुझान के पीछे कई ठोस कारण हैं।
दुबई लैंड डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में भारतीय निवेशक दुबई के रियल एस्टेट में सबसे बड़े विदेशी खरीदार के रूप में उभरे हैं। उन्होंने सभी प्रॉपर्टी सौदों में 22% की हिस्सेदारी दर्ज की और AED 35 बिलियन (लगभग ₹79,000 करोड़) का निवेश किया।
आइए जानते हैं कि दुबई के प्रॉपर्टी बाजार में भारतीय निवेशकों की इस बढ़ती ‘दीवानगी’ का राज क्या है:
टैक्स-फ्री लाभ
दुबई की सबसे बड़ी खासियत इसका ‘टैक्स-मुक्त’ माहौल है। यहां निवेशकों को अपनी आय या पूंजीगत लाभ (Capital Gains) पर सरकार को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। इसका मतलब है कि प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाला बड़ा मुनाफा भी पूरी तरह निवेशक की जेब में रहता है। यह टैक्स छूट भारतीय निवेशकों के लिए एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन है, जो अपनी पूरी कमाई पर अधिकार चाहते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित, लाभदायक और बेहतर जीवनशैली का विकल्प होने के कारण, आने वाले वर्षों में दुबई के लग्जरी हाउसिंग सेक्टर में भारतीय निवेशकों की भागीदारी और भी महत्वपूर्ण होगी।
आसान वीज़ा प्रक्रिया
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की अनुकूल वीज़ा नीतियां भी अमीर भारतीयों को खूब लुभा रही हैं। खासकर गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम, जो बड़े निवेश करने वाले विदेशियों को 10 साल तक रहने की अनुमति देता है, दुबई को एक आकर्षक गंतव्य बनाता है। यह लंबे समय तक रहने की सुविधा निवेशकों को अधिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है।
बेहतर जीवनशैली और भौगोलिक निकटता
दुबई का बेहतरीन बुनियादी ढाँचा, शानदार और आधुनिक जीवनशैली, साथ ही इसका बहुसांस्कृतिक (कॉस्मोपॉलिटन) समुदाय युवा और धनी निवेशकों की आकांक्षाओं के अनुरूप है। इसके अलावा, दुबई की भारत से भौगोलिक निकटता और केवल 2 से 3 घंटे की हवाई यात्रा की दूरी इसे बहुत सुविधाजनक बनाती है।
















