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बीमा के प्रति बढ़ी जागरूकता, अब भी 10 में से 6 लोग नहीं जानते पॉलिसी शर्तें और क्लेम प्रक्रिया

नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में बीमा को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी है। इससे बीमाधारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है मगर एक हालिया सर्वे के मुताबिक, लोग इसके सही इस्तेमाल को लेकर जागरूक नहीं हैं। 10 में से छह लोग पॉलिसी की शर्तें (Policy Terms), लाभ, अपवादों और क्लेम की प्रक्रिया नहीं जानते।

यह सर्वे बीमा सलाह देने वाले ऐप कवर श्योर ने किया है, मगर इसी तरह के तथ्य बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस, नील्सन आईक्यू और एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस सहित कई अन्य कंपनियों के अध्ययन में सामने आए हैं। ताजा सर्वे में भाग लेने वाले 71 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनके पास दो से पांच सक्रिय बीमा पॉलिसियां हैं, जिनमें जीवन बीमा सबसे आम है। इसके बाद स्वास्थ्य बीमा 24 प्रतिशत और मोटर बीमा 13 प्रतिशत है।

हालांकि, इन पॉलिसियों के मालिक होने के बावजूद 65 प्रतिशत पॉलिसीधारकों ने स्वीकार किया कि उन्हें शर्तों, लाभ, अपवाद और दावा प्रक्रियाओं सहित प्रमुख पॉलिसी विवरणों की सीमित या कोई समझ नहीं है। केवल 35 प्रतिशत लोगों ने अपनी पॉलिसी के लाभों और शर्तों को पूरी तरह से समझने का दावा किया। सर्वेक्षण में एक चिंताजनक तथ्य यह भी सामने आया कि बीमाधारक की नहीं आश्रितों में भी जागरूकता की भारी कमी है।

एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड ने अपने सर्वे में पाया था कि दस में से नौ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को लगता है कि बीमा राशि खत्म होने के बाद भी लाभ मिलना जारी रहता है।

ये सावधानियां भी जरूरी

1. कवरेज जरूर जांचें: सुनिश्चित करें कि पॉलिसी आपकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और गंभीर बीमारियों को कवर करती है या नहीं। यह भी देखें कि पॉलिसी में क्या शामिल है और क्या नहीं।
2. कैशलेस का विकल्प हो: इंश्योरेंस कंपनी, अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा देती है और उसका एक प्रतिष्ठित ग्राहक सेवा रिकॉर्ड है।
3. ग्रेस पीरियड में भुगतान जरूरी: कंपनियां भुगतान की देय तिथि से 15 दिनों की छूट अवधि देती हैं, जिसके दौरान भुगतान किया जा सकता है। ऐसा न करने पर पॉलिसी रद्द हो जाएगी।

कवरेज की जानकारी नहीं

बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस और नील्सन आईक्यू द्वारा किए गए एक विस्तृत सर्वेक्षण में सामने आया था कि भारत में युवा बड़े पैमाने पर जीवन बीमा करवा रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद बीमा करवाने वाले 81 प्रतिशत लोगों को नहीं पता कि उन्हें पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा के लिए कुल कितना कवरेज का बीमा कराना चाहिए।

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