बस्तर दशहरा में आने के लिए अमित शाह ने भरी हामी, सरेंडर नक्सलियों से कर सकते हैं मुलाकात

जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए निर्धारित हो गया है. उम्मीद है कि वे 4 अक्टूबर को बस्तर दशहरा के कार्यक्रम में भाग लेंगे और मुरिया दरबार में माथा टेकेंगे. अमित शाह के इस दौरे के लिए जगदलपुर के लाल बाग मैदान में प्रशासन ने तैयारियाँ शुरू कर दी हैं. इस दौरान, शाह आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों से मिल सकते हैं और नक्सल विरोधी अभियान में लगे अधिकारियों तथा सुरक्षा कर्मियों से भी बातचीत कर सकते हैं. इस महत्वपूर्ण दौरे को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है.
अमित शाह का कार्यक्रम और दौरा का महत्व
अमित शाह ने खुद सोशल मीडिया के जरिए बस्तर दशहरा में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. यह दौरा नक्सल मोर्चे पर चल रही तैयारियों के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों से मुलाकात कर सकते हैं और आत्मसमर्पित नक्सलियों से मिलकर उनके पहले और अब के जीवन में आए बदलावों को जान सकते हैं. इसके अलावा, वे बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों से भी मिलेंगे. इस दौरे में उनके साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, अरुण साव और कई अन्य वरिष्ठ मंत्री एवं सांसद भी शामिल होंगे.
बस्तर दशहरा की महत्ता
बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख त्योहार है, जो आदिवासियों की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाता है. यह त्योहार 75 दिनों तक चलता है, जिसमें कई तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
बस्तर सांसद का आमंत्रण
बस्तर के सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष, महेश कश्यप, ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था. 4 अक्टूबर को होने वाले इस दौरे के लिए सभी तैयारियां चल रही हैं. शाह ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा कि वे इस पर्व में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं और यह इस बात का प्रमाण है कि बस्तर अब नक्सलवाद से मुक्त होकर शांति की राह पर बढ़ रहा है.
अगर आप जानना चाहते हैं कि बस्तर दशहरा में मुरिया दरबार का क्या महत्व है या इस त्योहार से जुड़ी किसी और जानकारी के बारे में, तो मैं आपको बता सकता हूँ.
















