छत्तीसगढ़

रजिस्ट्री प्रक्रिया में 10 डिजिटल नवाचार से आम लोगों को मिलेगी राहत : मंत्री केदार कश्यप

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए दस तकनीकी नवाचारों की शुरुआत की है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने इसे “डिजिटल क्रांति की ओर एक मजबूत कदम” बताया। कोंडागांव में आयोजित कार्यशाला में मंत्री ने इन नवाचारों को बस्तर अंचल के लिए “क्रांतिकारी” करार दिया और कहा कि अब पंजीयन प्रणाली ज्यादा आसान, सुरक्षित और पारदर्शी होगी।

क्या हैं ये 10 बड़े बदलाव?

आधार आधारित प्रमाणीकरण: अब रजिस्ट्री के दौरान खरीदार, विक्रेता और गवाहों की पहचान आधार से लिंक होगी, जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।

ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड: संपत्ति की पूरी लेन-देन हिस्ट्री ऑनलाइन खसरा नंबर डालते ही मिल जाएगी, जिससे खरीदारों को भरोसे के साथ निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

भारमुक्त प्रमाणपत्र ऑनलाइन: संपत्ति पर कोई बंधक या कर्ज न होने की पुष्टि करने वाला यह प्रमाणपत्र अब ऑनलाइन मिलेगा।

एकीकृत कैशलैस सिस्टम: स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क का भुगतान अब एकसाथ डिजिटल माध्यम से हो सकेगा।

व्हाट्सएप अपडेट और रजिस्ट्री प्रति: पंजीयन की सभी अपडेट और दस्तावेज अब व्हाट्सएप पर मिलेंगे, साथ ही शिकायत व फीडबैक की सुविधा भी इसी प्लेटफॉर्म से।

डिजिलॉकर में सुरक्षित दस्तावेज: रजिस्ट्री के बाद दस्तावेज डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर होंगे, जिससे भविष्य में इन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।

पेपरलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया: दस्तावेज का प्रारूप ऑनलाइन तैयार होगा, जिसे उप पंजीयक को ऑनलाइन भेजा जाएगा।

ऑनलाइन डिजी डॉक्यूमेंट: शपथ पत्र और अनुबंध जैसे गैर-पंजीयन दस्तावेज भी अब ऑनलाइन तैयार होंगे और डिजिटल स्टाम्प के साथ मान्य होंगे।

घर बैठे रजिस्ट्री: पक्षकार ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर, आधार प्रमाणीकरण से घर बैठे ही रजिस्ट्री करा सकेंगे।

रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण: अब रजिस्ट्री के साथ ही राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण स्वतः हो जाएगा, जिससे समय और विवाद दोनों से राहत मिलेगी।

मंत्री कश्यप ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दी बधाई

मंत्री केदार कश्यप ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को इस क्रांतिकारी बदलाव के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बदलाव छत्तीसगढ़ में डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

बस्तर के लिए वरदान

इस कार्यशाला में बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी और कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने भी डिजिटल नवाचारों की सराहना की। जिला पंचायत अध्यक्ष रीता सोरी समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, नागरिक और पत्रकार मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री प्रक्रिया अब सिर्फ एक दस्तावेजी कार्य नहीं, बल्कि एक तेज़, पारदर्शी और टेक्नोलॉजी से लैस नागरिक सेवा बन चुकी है – जो लोगों को सुविधा के साथ-साथ सुरक्षा भी देगी।

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