छत्तीसगढ़

विधानसभा में गूंजा धर्मांतरण का मुद्दा, बीजेपी विधायक ने गृहमंत्री से मांगी जानकारी

रायपुर। क्या छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं? यह सवाल बुधवार को विधानसभा में तब उठा जब भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान राज्य में धर्मांतरण की घटनाओं की जानकारी मांगी। गृह मंत्री विजय शर्मा ने पूरे प्रदेश से जुड़े आंकड़े पेश किए, जिससे साफ हुआ कि बीते एक वर्ष में धर्मांतरण की शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

गृह मंत्री के लिखित उत्तर के अनुसार, वर्ष 2024-25 में 43 शिकायतें धर्मांतरण से संबंधित प्राप्त हुईं, जिनमें से 23 मामलों में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। केवल एक मामले में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जानकारी दी गई है।

कौन से जिले रहे सबसे आगे?

पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों के अनुसार:
महासमुंद: सर्वाधिक 10 शिकायतें (2021-22)
बिलासपुर: कुल 9 शिकायतें, जिनमें से 8 वर्ष 2024-25 में
रायपुर: कुल 8 शिकायतें — 5 (2021-22) और 3 (2024-25)
बलरामपुर: वर्ष 2024-25 में अकेले 10 शिकायतें दर्ज

अन्य जिलों में मिली शिकायतें:

कोरबा: 7 शिकायतें (2024-25)
जांजगीर चांपा: 5
बालोद: 3
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: 2
दुर्ग, कबीरधाम, सूरजपुर, दंतेवाड़ा: 1-1 शिकायत

क्या हो रही है कार्रवाई?

गृह मंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में धर्मांतरण से जुड़े मामलों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। खुफिया तंत्र को सतर्क किया गया है और पुलिस पेट्रोलिंग को सक्रिय किया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक धार्मिक आयोजनों के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य बनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि “धर्मांतरण की किसी भी शिकायत पर तत्काल वैधानिक और प्रक्रियात्मक कार्रवाई की जा रही है।”

हालांकि शिकायतों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन दर्ज मामलों और वास्तविक अपराधों के बीच का अंतर यह दर्शाता है कि हर शिकायत वैध नहीं साबित होती। फिर भी, कानून व्यवस्था और सामाजिक संतुलन को लेकर प्रशासन ने सतर्कता और निगरानी को प्राथमिकता दी है।

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