उपराष्ट्रपति के भाषण का मूलपाठ – स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी करते समय

  • छत्तीसगढ़

    उपराष्ट्रपति के भाषण का मूलपाठ – स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी करते समय

    New Delhi (IMNB) सबको मेरा सादर प्रणाम। आज का यह कार्यक्रम बदलते हुए भारत की एक तस्वीर प्रस्तुत करता है। एक समय था.. एक कालखंड था, जब लगता था हमारे यहां महापुरुष है ही नहीं और नामककरण जो होता था संस्थाओं का बहुत सीमित हो गया था… उसमें जो खुलापन आ रहा है, भारत के इतिहास को पूरी तरह से दर्शाया जा रहा है। यह बहुत ही सुखद परिवर्तन हो रहा है। भारत सरकार में राज्यमंत्री श्री देवसिंह सिंह चौहान जी! बहुत ही सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। अपने क्षेत्र के प्रति पूरी तरह समर्पित। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आदरणीय स्वामी रामदेव जी किसी भी परिचय के मोहताज नहीं है। कहते है नाम में क्या रखा है? रखा है, राम भी है और देव भी है। समय के साथ हम कुछ चीजें भूल जाते हैं… करोड़ों की जनता इस बात को याद रखती है वह समय देश के हर कोने में in every weather condition … हर वर्ग के लोग योग सीखने आते थे! स्वामी रामदेव जी, पॉजिटिव कोविड हैं योग के लिए। इन्होने योग के प्रचार में जो पुरुषार्थ किया है उसका नतीजा यह हुआ की यूनाइटेड नेशंस में भारत के ओजस्वी प्रधानमंत्री का प्रस्ताव भारी बहुमत से स्वीकार हुआ। योग कैसे किया जाए और देश और दुनिया में प्रसारित होता है। योग दिवस अब किसी का नहीं रहा, भारत की पहचान है और पूरी दुनिया में मनाया जाता है। सांसद डॉक्टर सत्यपाल सिंह जी.. मुझे वह दिन याद जब 1980 के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूना चले जाओ नासिक चले जाओ, नागपुर चले जाओ और मुंबई चले जाओ एक ही बात कहते थे ….ऐसा पुलिस कमिश्नर देखा नहीं। इतना बड़ा करियर और एक बयान जारी कर दिया…अब तक महाराष्ट्र की सेवा करता था, अब राष्ट्र के अंदर एक कार्यकर्ता के रूप में सेवा करना चाहता हूं। बागपत में जो परिवर्तन किया है और जिस गहराई से किया है उससे अंदाजा लग सकता है कि इन कमिश्नर साहब ने नासिक, पुणे, नागपुर और मुंबई को कैसे मैनेज किया होगा। और इनकी धर्मपत्नी अलका जी का समर्थन इतना ज़यादा है इसकी यह जानकारी मुझे तब हुई जब मैंने दोनों को राजभवन कोलकाता बुलाया जब मैं राज्यपाल था और अलका जी ने वह कहावत चरितार्थ कर दी … हर सक्सेसफुल आदमी के पीछे एक औरत होती है.. कार्यक्रम में भी अलका जी का योगदान अभिनंदन योग्य है। सांसद स्वामी सुमेधानंद जी, एक कहावत है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने भी कही थी You can’t choose your neighbours you have to…

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