छत्तीसगढ़

तीन माह में आबकारी विभाग ने कमाए 2300 करोड़, शराब की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले10 प्रतिशत वृद्धि

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में शराब की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले10 प्रतिशत वृद्धि हुई है, लेकिन दूसरी ओर राज्य में 67 नई शराब दुकान खोले जाने का विरोध भी तेज हो गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें, तो विरोध के मद्देनजर अब उन जगहों पर नई दुकान खोली जाने की बात तय हुई है, जहां विरोध नहीं है।

तीन महीनों में 2300 करोड़ का राजस्व

आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार, 1अप्रैल से अब तक की स्थिति में राज्य में आबकारी से करीब 2300 करोड़ रुपयों का राजस्व मिला है। खास बात ये है कि यह वृद्धि पिछले साल इसी समय के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है। शराब के शौकीनों के लिए सरकार ने देशी, अंग्रेजी, विदेशी शराब के सभी तरह के ब्रांड उतारे हैं। इनमें सस्ती से लेकर महंगी हर किस्म की शराब है। राज्य में देशी शराब की मांग अधिक होने के कारण देशी का नया ब्रांड सवा शेरा भी उतार दिया गया है। लिहाजा मांग के साथ पीने पिलाने की सुविधा बेहतर होने से शराब की बिक्री और राजस्व में अप्रैल के बाद से अब तक तेजी आई है।

कई जिलों में विरोध

राजधानी रायपुर से लेकर दुर्ग और बलौदाबाजार सहित कई अन्य जिलों में नई शराब दुकानों का विरोध तेज हो गया है। कई स्थानों पर नागरिक, कहीं महिलाएं और कुछ जगहों पर सियासी कारणों से भी विपक्षी दलों के लोग विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर आबकारी विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो विरोध की स्थिति को देखते हुए यह तक किया जा रहा है कि जहां विरोध नहीं है, वहां नई दुकान खोली जाए। जहां काफी विरोध हो रहा है, वहां दुकान खोलने के लिए स्थानीय प्रशासन भी दबाव नहीं बना रहा है।

67 नई शराब द्वकानों का विरोध हुआ तेज

इधर राज्यभर में शराब की 67 नई दुकानें खोलने का विरोध तेज हो रहा है। जिन जिलों में ये नई दुकानें खोलने की तैयारी की जा रही है, वहां से विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। राज्य में शराब की दुकानों में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की मंजूरी कैबिनेट ने दी थी। पिछले वित्तीय वर्ष की स्थिति में राज्य में कुल 674 दुकानें थी। 10 प्रतिशत संख्या बढ़ाने की मंजूरी के बाद दुकानों की संख्या में 67 की वृद्धि के साथ कुल दुकानों की संख्या 741 हो जाएगी, लेकिन नई दुकानों का विरोध होने के कारण दुकानों की संख्या फिलहाल बढ़ नहीं पा रही है।

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