संसद का शीतकालीन सत्र : महत्वपूर्ण घटनाएँ और हंगामे

नई दिल्ली (एजेंसी)। संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर, 2025 को हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्षी दलों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
लोकसभा में विरोध और कार्यवाही का स्थगन
सत्र के पहले दिन, विपक्षी सांसदों ने देशभर में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास पर चर्चा के लिए दबाव बनाते हुए बार-बार नारेबाजी और प्रदर्शन किया। लगातार हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को पहले दो बार स्थगित किया गया, और फिर अंततः मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए टाल दिया गया।
विधेयकों का पारित होना: हंगामे के बीच भी लोकसभा में ‘मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025’ पारित किया गया।
नए विधेयक पेश: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पेश किए।
राज्यसभा में नए सभापति का स्वागत और SIR पर गतिरोध
राज्यसभा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन का स्वागत किया। यह पहला अवसर था जब राधाकृष्णन उच्च सदन की अध्यक्षता करने पहुँचे।
बधाई और सहयोग: प्रधानमंत्री मोदी और विभिन्न विपक्षी नेताओं ने नए सभापति को पदभार संभालने पर बधाई दी और सदन के कुशल संचालन में सहयोग का आश्वासन दिया।
सभापति की अपील: सभापति राधाकृष्णन ने सदस्यों से संसदीय आचरण की लक्ष्मण रेखा बनाए रखने की अपील की।
विपक्ष का वॉकआउट: हालांकि, SIR अभ्यास पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया।
सरकार का आश्वासन: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में कहा कि सरकार मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर विचार कर रही है और इस मांग को खारिज नहीं किया गया है।
सरकार द्वारा अनुपूरक मांगें और कराधान से जुड़े विधेयक
सत्र के पहले दिन, सरकार ने आगामी वित्त वर्ष से संबंधित महत्वपूर्ण वित्तीय और कराधान मुद्दे भी पेश किए:
अनुदान की अनुपूरक मांगें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों का पहला बैच लोकसभा में पेश किया। इसके तहत, सरकार ने 41,455 करोड़ रुपए के शुद्ध अतिरिक्त व्यय के लिए सदन की मंजूरी मांगी। इसमें से 27,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी से संबंधित है।
तंबाकू कराधान विधेयक: सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार समान बनाए रखने के उद्देश्य से दो विधेयक लोकसभा में पेश किए।
संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिनों की अवधि में कुल 15 बैठकें आयोजित करेगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधेयकों और चर्चाओं को शामिल किया जाना है।
















