छत्तीसगढ़

गोद लिए गए बच्चे का गोद लेने वाले की संपत्ति में अधिकार होगा : विधायक अकबर

रायपुर। विधायक पंडरिया द्वारा कुकदुर हादसे के सभी मृतकों के सभी 24 बच्चों को गोद लेने की घोषणा की गई है। पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कानूनी प्रावधानो की जानकारीे देते हुए बताया है कि देश में दूसरों की संतानों को गोद लेने के लिए ‘हिन्दु दत्तक ग्रहण और भरण- पोषण अधिनियम 1959’ लागू है। इस अधिनियम के प्रावधानो के अनुसार गोद लेने हेतु अनेक शर्तो की पूर्ति होना आवश्यक है।

इनमें से प्रमुख है बच्चे और गोद लेने की आयु में कम से कम 21 वर्ष का अन्तर होना चहिए। यदि बच्चा पुत्री है तो गोद लेने वाले की स्वयं की कोई पुत्री नहीं होनी चाहिए। यदि गोद लेने वाले का स्वयं का पुत्र है तो पुत्र को गोद नहीं लिया जा सकता। ऐसे बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकता जिसकी आयु 15 वर्ष से अधिक हो। यह भी प्रावधान है कि जिस बच्चे को गोद लिया गया हो उसका संबंध समस्त परिजनो के लिए जन्म के कुटुम्बियों के साथ समस्त बंधन टूट जायेंगे और दत्तक कुटुंब में उसे समस्त अधिकार प्राप्त हो जायेगे। गोद ले लिए जाने के पश्चात दत्तक पुत्र या पुत्री का गोद लेने वाले की संपत्तियौन में उसी प्रकार से अधिकार उदभुत होगा जैसे कि वह उसी कुटुंब का जन्मा हो। अकबर ने कहा कि, इस मामले में क्या होने जा रहा है यह मेरी जानकारी में नहीं है।

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