“Mission Karmayogi” launched by Prime Minister Narendra Modi had institutionalized the process of capacity building especially for the benefit of civil servants

  • छत्तीसगढ़

    केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “मिशन कर्मयोगी” ने विशेष रूप से लोक सेवकों के लाभ के लिए क्षमता निर्माण की प्रक्रिया को संस्थागत रूप दिया था

    New Delhi (IMNB). केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “मिशन कर्मयोगी” ने वर्ष 2047 के सेंचुरी इंडिया को आकार देने के उद्देश्य से, विशेष रूप से लोक सेवकों के लाभ के लिए क्षमता निर्माण की प्रक्रिया को संस्थागत रूप दिया था। डॉ. जितेंद्र सिंह ने एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कर्मशाला 2023 – एक परामर्श कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने और उसकाई आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रशासन में “शासन” से “भूमिका” में बदलाव की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूरी अवधारणा ने शासन को नई संस्कृति प्रदान करने की कोशिश की है।   मंत्री महोदय ने कहा कि मिशन कर्मयोगी एक उन्नत लोक सेवा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के लिए प्रतिबद्ध है जो एक विकसित भारत के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी एक ऐसे प्रशासन को आकार देने में परिवर्तनकारी भूमिका निभा रहा है जो चुस्त, उत्तरदायी, प्रभावी और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित और प्रभावी हो। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि तेजी से विकसित हो रही दुनिया में उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और क्षमताओं को प्राप्त करने के लिए सिविल सेवकों को सक्षम करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम के रूप में तैयार किए गए, मिशन कर्मयोगी ने पिछले कुछ वर्षों में क्षमता निर्माण आयोग के नेतृत्व में विशेषज्ञ के अंतर्गत प्रमुख प्रगति की है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की सचिव सुश्री राधा चौहान ने कहा कि मिशन कर्मयोगी की शुरुआत के बाद से प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के प्रति मानसिकता बदल गई है। उन्होंने कहा कि जिस क्षण हमारे पास राजनीतिक नेतृत्व द्वारा निर्धारित एक स्पष्ट दृष्टि थी, लोक सेवकों के भीतर परिणाम देने की इच्छा सक्रिय हो गई थी। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के अध्यक्ष आदिल ज़ैनुलभाई ने कहा कि मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत दो निकाय हैं जिन्हें मिशन कर्मयोगी कार्य करने के लिए सौंपा गया है, अर्थात् कर्मयोगी भारत और क्षमता निर्माण आयोग, जो सभी लोक सेवकों के लिए सीखने में तेजी लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने क्षमता निर्माण आयोग द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। कर्मयोगी भारत के अध्यक्ष एस रामादुरई ने कहा कि एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कर्मयोगी प्लेटफॉर्म, कर्मयोगी भारत द्वारा प्रबंधित और संचालित है- कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अंतर्गत स्थापित एक एसपीवी, सामग्री प्रदाताओं की एक किस्म द्वारा पेश किए गए 400 से अधिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से लोक सेवकों को अत्याधुनिक डिजिटल सीख का अनुभव प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर सरकारी अधिकारियों की सीखने की जरूरतों के समर्थन में, विभिन्न हब, जैसे- डिस्कशन हब, आयोजन केंद्र और नेटवर्क केंद्र भी वास्तव में इंटरैक्टिव अनुभव के लिए उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे समग्र पेशेवर और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने में मदद मिली है। सभी शिक्षार्थियों को उनके कौशल, ज्ञान और दक्षताओं में वृद्धि करने के उद्देश्य से कभी भी, कहीं भी, और किसी भी डिवाइस पर उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण संसाधन प्रदान करने के अलावा, एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) पोर्टल स्व-गति, निरंतर सीखने की संस्कृति को प्रोत्साहन देना और सरकारी अधिकारियों के बीच ज्ञान-साझाकरण के माध्यम से समुदाय की भावना भी पैदा करना चाहता है। सभी उपयोगकर्ताओं के लिए मोबाइल सीखने को सक्षम करने के लिए, एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कर्मयोगी ऐप को एण्ड्रोइड (दिसंबर, 2022 में) और आईओएस (जनवरी, 2023 में) प्लेटफार्मों के लिए शुरू किया गया था। ऐप ने पिछले कुछ महीनों में शिक्षार्थियों के बीच उत्साहजनक वृद्धि दर्ज की है। मंत्री महोदय ने एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर नई सुविधाओं जैसे सर्वे टूल, एंड-ऑफ़-कोर्स असेसमेंट और डैशबोर्ड का उद्घाटन किया, जिनसे एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) को उत्कृष्टता के प्लेटफ़ॉर्म के रूप में आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा है। नई विशेषताएं बेहतर शिक्षार्थी-स्तर की निगरानी और मूल्यांकन के लिए भी अनुमति देंगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कर्मयोगी प्लेटफॉर्म में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले शीर्ष शिक्षार्थियों और शीर्ष मंत्रालयों/विभागों को भी सम्मानित किया। मंत्री महोदय ने कहा कि जीवन जीने में सुगमता और कारोबार करने में सुगमता के मामले में बड़े कदम उठाने का लक्ष्य रखते हुए 1.4 बिलियन लोग एक ऐसे ‘स्टील-फ्रेम’ पर भरोसा करेंगे जो स्मार्ट, सक्षम, भविष्य के लिए तैयार और नागरिकों के अनुकूल हो, क्योंकि भारत ने अमृत काल में प्रवेश किया है। उन्होंने अपने संबोधन को समाप्त करते हुए कहा कि ‘विकसित भारत’ के निर्माता के रूप में, हम मिशन कर्मयोगी के माध्यम से पोषित और एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) मंच के माध्यम से सशक्त, हमारे राष्ट्र की लंबाई और चौड़ाई के माध्यम से सुशासन प्रदान करने के लिए सशक्त लोक सेवकों की एक नई पीढ़ी में अपना विश्वास दोहराते हैं। कर्मयोगी भारत के मुख्य कार्यकारी अहिकारी अभिषेक सिंह, सचिव, दूरसंचार विभाग, सचिव, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा बल, श्री हेमांग जानी, सचिव क्षमता निर्माण आयोग, प्रोफेसर आर.बालासुब्रमण्यम, सदस्य क्षमता निर्माण आयोग, श्री पंकज बंसल, सदस्य, एसपीवी, श्री एस डी शर्मा, संयुक्त सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिष्ठित पैनलिस्ट, नोडल अधिकारी और भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों से नामित, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुख और प्रतिनिधि विचार-विमर्श में सम्मिलित हुए। *****

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