ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग 
दिनांक – 11 नवम्बर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – त्रयोदशी दोपहर 01:57 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र – चित्रा रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – प्रीति शाम 04:59 तक तत्पश्चात आयुष्मान
राहु काल – सुबह 09:37 से 11:00 तक
सूर्योदय – 06:50
सूर्यास्त – 05:57
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:07 से 05:59 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:58 से 12:50 तक

व्रत पर्व विवरण – नरक चतुर्दशी, काली चौदस, मासिक शिवरात्रि
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

काली चौदस/ नरक चतुर्दशी – 11 नवम्बर 2023 (मंत्र जप सिद्धि योग)

नरक चतुर्दशी (काली चौदस) और दीपावली की रात जप-तप के लिए बहुत मुक्तिकारक मुहूर्त माना गया है । नरक चतुर्दशी की रात्रि मंत्र-जापकों के लिए वरदान स्वरूप है ।

नरक चतुर्दशी एवं दिवाली की रात्री को मंत्र जप नहीं करने से मंत्र मलीन हो जाता है । उनका प्रभाव क्षीण हो जाता है ।

नरक चतुर्दशी के दिन ( शाम 06:03 के बाद ) चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है । एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये ।

“दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥”

नरक चतुर्दशी के दिन नरक के अभिमानी देवता की प्रसन्नता के लिये तथा समस्त पापों के विनाश के लिये मै चार बत्तियों वाला चौमुखा दीप अर्पित करता हूँ ।

नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग) – 12 नवम्बर 2023

यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। ‘सन्नतकुमार संहिता‘ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है । जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके शुभकर्मों का नाश हो जाता है ।

मासिक शिवरात्रि : 11 नवम्बर 2023

जिस तिथि का जो स्वामी हो उस तिथि में उसकी आराधना-उपासना करना अतिशय उत्तम होता है । चतुर्दशी के स्वामी भगवान शिव है । अतः उनकी रात्रि में किया जानेवाला यह व्रत ‘शिवरात्रि’ कहलाता है । प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में गुरु से प्राप्त हुए मंत्र का जप करें । गुरुप्रदत्त मंत्र न हो तो पंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र के जप से भगवान शिव को संतुष्ट करें ।

कर्ज मुक्ति हेतु –

हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी…

1) ॐ शिवाय नमः
2) ॐ सर्वात्मने नमः
3) ॐ त्रिनेत्राय नमः
4) ॐ हराय नमः
5) ॐ इन्द्रमुखाय नमः
6) ॐ श्रीकंठाय नमः
7) ॐ सद्योजाताय नमः
8) ॐ वामदेवाय नमः
9) ॐ अघोरहृदयाय नम:
10) ॐ तत्पुरुषाय नमः
11) ॐ ईशानाय नमः
12) ॐ अनंतधर्माय नमः
13) ॐ ज्ञानभूताय नमः
14) ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
15) ॐ प्रधानाय नमः
16) ॐ व्योमात्मने नमः
17) ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:

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