गणेश पंडालो के लिए गाइडलाइन जारी

रायपुर। गणेश उत्सव से पहले, जिला प्रशासन ने सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। एडिशनल कलेक्टर उमाशंकर बंदे और एडिशनल एसपी लखन पटले ने गणेश उत्सव समितियों के साथ बैठक की, जिसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का पालन करने पर जोर दिया गया।
गणेश उत्सव के लिए ज़रूरी नियम
अनुमति अनिवार्य: सड़क पर पंडाल लगाने से पहले समितियों को प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
लाउडस्पीकर पर रोक: रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद रहेगा।
सीसीटीवी कैमरा: हर पंडाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य है।
स्वयंसेवक: समितियां अपनी सुरक्षा के लिए स्वयंसेवकों को तैनात करेंगी और रात में विशेष निगरानी रखेंगी।
गणेश चतुर्थी और स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे भारत में 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान भक्त अपने घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
चतुर्थी तिथि: भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे शुरू होकर 27 अगस्त को दोपहर 03:44 बजे समाप्त होगी।
स्थापना का दिन: पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी और इसी दिन गणेश जी की स्थापना की जाएगी।
शुभ मुहूर्त: गणेश स्थापना के लिए मध्याह्न काल सबसे उत्तम माना जाता है। 27 अगस्त 2025 को स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।
गणेश स्थापना और पूजा की विधि
सजावट: पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करके फूलों, रंगोली और सजावटी सामान से सजाएं।
स्थापना: शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा को लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें।
संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर संकल्प लें।
मंत्र: “ऊँ ग॑ गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी का आह्वान करें।
अभिषेक: प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
भोग और अर्पण: गणेश जी को उनका प्रिय भोग जैसे मोदक और लड्डू अर्पित करें। साथ ही दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर चढ़ाएं।
आरती: अंत में पूरे परिवार के साथ गणपति की आरती करें।
















