टाटा कैपिटल आईपीओ : लिस्टिंग पर सधी शुरुआत, ग्रे मार्केट का हाल

मुंबई (एजेंसी)। इस साल के बहुप्रतीक्षित आईपीओ (IPO) में से एक, टाटा कैपिटल (Tata Capital IPO) का ₹15,512 करोड़ का आईपीओ आज, 13 अक्टूबर, 2025 को बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर सूचीबद्ध (लिस्ट) हो गया है। शुरुआती संकेत मामूली रहे हैं। बाजार जानकारों के मुताबिक, लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम (Grey Market Premium- GMP) शून्य हो गया था, जिससे यह संकेत मिला था कि शेयर अपने इश्यू प्राइस ₹326 प्रति शेयर के आसपास ही लिस्ट हो सकता है। (अपडेट: लिस्टिंग 1.23% प्रीमियम पर ₹330 पर हुई।)
आईपीओ की प्रमुख बातें
कुल सब्सक्रिप्शन: आईपीओ को निवेशकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली और यह कुल मिलाकर 1.95 गुना सब्सक्राइब हुआ।
निवेशक वर्ग का रुझान:
संस्थागत निवेशक (QIB): इनके हिस्से को सर्वाधिक 3.42 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
गैर-संस्थागत निवेशक (NII): इन्होंने अपने हिस्से को 1.98 गुना सब्सक्राइब किया।
छोटे निवेशक (Retail): इनकी भागीदारी थोड़ी धीमी रही और इनका हिस्सा 1.10 गुना ही सब्सक्राइब हुआ।
एंकर निवेशक: आईपीओ से पहले एंकर निवेशकों को जारी किए गए शेयरों से कंपनी ने ₹4,642 करोड़ जुटाए। इस हिस्से में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) सबसे बड़ा निवेशक रहा, जिसने लगभग ₹700 करोड़ के शेयर खरीदे।
कंपनी की मज़बूत वित्तीय स्थिति
एसेट क्वालिटी: कंपनी का ग्रॉस एनपीए (Gross NPA) अनुपात 2.1% है, जो इस उद्योग में सबसे कम में से एक है।
आय वृद्धि: वित्त वर्ष 2023 से 2025 के बीच कंपनी की आय में 56% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई।
व्यवसाय का आकार: जून 2025 तक, कंपनी का कुल लोन बुक ₹2.33 लाख करोड़ था, जो इसे बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) और श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance) के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी (NBFC) बनाता है।
लिस्टिंग से तुरंत बड़े मुनाफे की उम्मीद कम
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि ऊपरी प्राइस बैंड (₹326) पर कंपनी का वैल्यूएशन उद्योग के औसत से थोड़ा नीचे है, जो एक उचित एंट्री पॉइंट प्रदान करता है। आनंद राठी (Anand Rathi) और केनरा बैंक सिक्योरिटीज (Canara Bank Securities) जैसी कई ब्रोकरेज फर्मों ने इस आईपीओ को “लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब” करने की सलाह दी थी। हालाँकि, उनका यह भी कहना है कि आईपीओ का मूल्य उचित रखा गया है, इसलिए निवेशकों को तत्काल किसी बड़े मुनाफे की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, बल्कि लंबी अवधि के निवेश के नज़रिए से इसे देखना चाहिए।