टाटा मोटर्स पर सेंसेक्स से बाहर होने का जोखिम : 39 साल बाद क्या है वजह?

नई दिल्ली (एजेंसी)। टाटा मोटर्स पर एक बार फिर से घरेलू शेयर बाज़ार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। यह शेयर सेंसेक्स की शुरुआत से ही इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, लेकिन कंपनी के कुल बाज़ार पूंजीकरण के दो अलग-अलग कंपनियों में विभाजित होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इस संबंध में फैसला अगले महीने होने की संभावना है।
डिमर्जर और मार्केट कैप का विभाजन
यह ध्यान देने योग्य है कि इस साल अक्टूबर में टाटा मोटर्स का डिमर्जर (Demerger) हुआ था। इस प्रक्रिया के तहत, कंपनी दो अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में बँट गई है:
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल लिमिटेड: इसके पास यात्री और ईवी वाहनों का कारोबार है। इसका मौजूदा बाज़ार पूंजीकरण लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये है।
टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड: इसके पास ट्रक, बस आदि का कारोबार है। इस कंपनी का बाज़ार पूंजीकरण लगभग 1.19 लाख करोड़ रुपये है।
न्यूनतम बाज़ार पूंजीकरण की शर्त
सेंसेक्स में बने रहने के लिए वर्तमान में शेयरों का न्यूनतम बाज़ार पूंजीकरण लगभग दो लाख करोड़ रुपये होना आवश्यक है। डिमर्जर के बाद, टाटा मोटर्स की दोनों अलग-अलग कंपनियाँ इस शर्त को पूरा नहीं कर पा रही हैं। इस वजह से, कंपनी का सेंसेक्स से बाहर होना लगभग तय माना जा रहा है।
संभावित बदलाव और नई सूची
बीएसई दिसंबर में सेंसेक्स 30 में शामिल शेयरों की समीक्षा करेगा। नई सूची 19 दिसंबर को जारी होगी।
माना जा रहा है कि टाटा मोटर्स की जगह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) ले सकती है, जिसका बाज़ार पूंजीकरण 2.27 लाख करोड़ रुपये है।
इसके अलावा, आदित्य बिड़ला ग्रुप की ग्रासिम इंडस्ट्रीज (Grasim Industries) भी सेंसेक्स में अपनी जगह बना सकती है।
सेंसेक्स: एक संक्षिप्त इतिहास
सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई थी।
इसके मूल 30 शेयरों में से, केवल तीन शेयर ही लगातार इंडेक्स में बने हुए हैं: रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, और आईटीसी।
लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे शेयर भी इसमें शामिल रहे हैं, हालांकि ये कई बार इंडेक्स से बाहर और फिर से शामिल होते रहे हैं।
टाटा मोटर्स इससे पहले दिसंबर 2019 में भी सेंसेक्स से बाहर हुई थी और दिसंबर 2022 में इसे दोबारा इंडेक्स में जगह मिली थी।
















