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स्पेस की दुनिया में तहलका मचाने की तैयारी, ISRO लॉन्च करेगा 2040 तक 100 से अधिक सैटेलाइट

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अगले 15 वर्षों के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजना का खुलासा किया है। विज़न 2047 नामक इस रोडमैप के तहत, इसरो का लक्ष्य 2040 तक देश की पृथ्वी अवलोकन, संचार और नेविगेशन की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 100 से ज़्यादा उपग्रहों का प्रक्षेपण करना है। अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक, नीलेश देसाई ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में इस योजना को प्रस्तुत किया।

देसाई ने बताया कि यह लक्ष्य प्रति वर्ष केवल 7 से 8 मिशनों के बराबर है, जिसे चंद्रयान या गगनयान जैसे अन्य प्रमुख मिशनों के साथ आसानी से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक इसरो साल में औसतन 5-6 प्रक्षेपण करता रहा है और 2016 में अधिकतम 9 प्रक्षेपण किए गए थे।

अंतरिक्ष क्षेत्र में तेज़ी

इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपनी गति को बढ़ाने की तैयारी कर रही है ताकि यह देश की ज़रूरतों के अनुरूप हो सके। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये मिशन देश के लिए धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से बड़े फायदे लाएंगे।

निजी कंपनियों की भूमिका

इसरो अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए निजी अंतरिक्ष कंपनियों के सहयोग पर बहुत ज़्यादा भरोसा कर रहा है। वर्तमान में भारत में 350 से ज़्यादा निजी अंतरिक्ष कंपनियाँ सक्रिय हैं, और उनमें से कई अभिनव परियोजनाओं पर काम कर रही हैं। इन कंपनियों की सफलता इसरो के 2047 के रोडमैप को पूरा करने के लिए ज़रूरी है।

स्वदेशीकरण पर ज़ोर

एस. सोमनाथ ने बताया कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से स्वदेशीकरण की ज़रूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि उभरता हुआ निजी उद्योग इसे संभव बनाएगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर परमाणु घड़ियों (Atomic Clocks) का ज़िक्र किया, जो नेविगेशन सिस्टम (NavIC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और अभी भी आयात की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इसरो ने अब इन घड़ियों के स्वदेशीकरण की पहल की है, लेकिन इनका उत्पादन बढ़ाना होगा।

प्रमुख मिशन:

चंद्रयान मिशन: 2047 के रोडमैप में पहले से घोषित चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 के साथ-साथ, 2040 में चंद्रमा पर मानव मिशन से पहले चंद्रयान-6, 7 और 8 भी शामिल हैं। चंद्रयान-4 और 5 नमूना वापसी मिशन हैं और इनके 2027-28 तक होने की उम्मीद है। चंद्रयान-5 जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ एक संयुक्त मिशन है।

मंगल मिशन: योजना में एक मंगल लैंडर मिशन भी शामिल है, जो भारत के पहले मंगलयान (एक ऑर्बिटर) से एक बड़ा कदम आगे है। हालांकि, इसकी समय-सीमा अभी तय नहीं की गई है।

अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह: इसरो अगले 15 वर्षों में जिन 100 से ज़्यादा उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, उनमें से अधिकांश पृथ्वी अवलोकन के लिए होंगे। इनमें से करीब 80 केवल भूमि-आधारित प्रयोगों के लिए होंगे, जबकि बाकी महासागर और वायुमंडलीय प्रयोगों को सक्षम करेंगे। इसके अलावा, इसरो 16 प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशनों की भी योजना बना रहा है, जो उसकी नई क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगे।

क्या आपको इसरो के अन्य मिशनों के बारे में और जानकारी चाहिए, जैसे कि गगनयान मिशन या आदित्य एल1?

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