अति दुर्गम क्षेत्र कर्रेगुट्टा में विकास की राह, 5 करोड़ की लागत से पहली बार बनेगी सड़क

बीजापुर। यह बस्तर के निवासियों के लिए एक बड़ी खबर है। अब अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी तक लोगों की पहुँच आसान हो जाएगी। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर मौजूद, करीब 60 किलोमीटर के दायरे में फैली इस पहाड़ी के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) सड़क का निर्माण करने जा रहा है।
5 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण
लगभग चार किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण पर पाँच करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसकी निविदा (टेंडर) प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
रणनीतिक महत्व और जंगल वारफेयर कॉलेज
इस सड़क का निर्माण कई कारणों से महत्वपूर्ण है, खासकर इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार इस पहाड़ी पर देश का दूसरा जंगल वारफेयर कॉलेज स्थापित करने की तैयारी कर रही है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी का सामरिक (रणनीतिक) दृष्टिकोण से बहुत अधिक महत्व है।
माना जाता है कि लगभग 900 मीटर ऊँची इस दुर्गम पहाड़ी में कई प्राकृतिक गुफाएँ हैं। अतीत में, नक्सली लंबे समय से इन गुफाओं का उपयोग अपने शिविर और हथियार बनाने के केंद्र के रूप में करते रहे थे, और इसे नक्सलियों की राजधानी तक कहा जाता था।
जवानों का सम्मान
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहाँ चलाए गए विशेष अभियान में शामिल जवानों से मुलाकात की और उनके शौर्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया।
PWD के अनुसार, यह सड़क बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक में गलगम से शुरू होगी और सीधे कर्रेगुट्टा पहाड़ी तक जाएगी, जिससे इस गलगम को कर्रेगुट्टा से जोड़ा जा सकेगा।
















