छत्तीसगढ़

साहिबजादों का बलिदान युगों तक देता रहेगा प्रेरणा : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव पर आयोजित ‘वीर बाल रैली’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित इस विशाल आयोजन में लगभग 5,000 स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेट्स और स्काउट्स-गाइड्स ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। रैली के दौरान सिख संस्कृति की वीरता के प्रतीक ‘गतका’ और विभिन्न झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया।

अदम्य साहस और आस्था का प्रतीक

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि मात्र 7 और 9 वर्ष की आयु में साहिबजादों ने जिस वीरता का परिचय दिया, वह विश्व इतिहास में विरल है।

मुख्यमंत्री ने रेखांकित किया कि:

अटल विश्वास: साहिबजादे किसी भी प्रकार के प्रलोभन या दबाव के आगे नहीं झुके।

धर्म की रक्षा: उन्होंने सत्य और अपने धर्म के लिए हंसते-हंसते सर्वोच्च बलिदान दिया।

वैश्विक प्रेरणा: यह शहादत केवल एक समुदाय विशेष के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए गौरव का विषय है।

राष्ट्रीय पहचान और संस्कार

श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि 2022 से ‘वीर बाल दिवस’ को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल से युवाओं में देशभक्ति और शौर्य की भावना प्रबल हुई है। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रसिद्ध उद्घोष “सवा लाख से एक लड़ाऊँ” का स्मरण करते हुए कहा कि संकल्प और साहस ही विजय के असली आधार हैं।

गणमान्य जनों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री खुशवंत साहेब ने साहिबजादों के जीवन को सत्यनिष्ठा का मार्ग बताया, वहीं अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा ने ऐतिहासिक प्रसंगों पर प्रकाश डाला।

समारोह में विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, सिख समाज के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस सफल आयोजन के लिए शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक आयोग को बधाई दी।

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