दही खाने की ये 10 ग़लतियाँ, जो आपको बीमार कर सकती हैं

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। दही भारतीय भोजन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह न केवल हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसे स्वास्थ्य का भंडार भी माना जाता है। दही हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाता है, त्वचा में चमक लाता है और हड्डियों के लिए भी बहुत लाभदायक है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दही को कब, कैसे और किसके साथ खाना चाहिए? यदि आप दही के सेवन में कुछ सामान्य, लेकिन गंभीर गलतियाँ करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने की बजाय नुकसानदेह साबित हो सकता है।
आइए, उन 10 गलत आदतों के बारे में जानते हैं जिनसे आपको तुरंत बचना चाहिए ताकि आप दही के पूरे लाभ उठा सकें:
दही खाने की 10 बड़ी ग़लतियाँ
रात के समय दही खाना:
आयुर्वेद के अनुसार, रात में दही का सेवन करने से शरीर में कफ (बलगम) बढ़ सकता है। इससे सर्दी, खांसी, ज़ुकाम और गले में खराश जैसी श्वसन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
दही को गर्म करना:
दही को गर्म करने पर उसमें मौजूद सभी लाभकारी प्रोबायोटिक बैक्टीरिया (good bacteria) नष्ट हो जाते हैं। गर्म करने के बाद दही के स्वास्थ्यवर्धक गुण लगभग खत्म हो जाते हैं।
खाली पेट सेवन करना:
कुछ लोगों को खाली पेट दही खाने से एसिडिटी या पेट में गैस की समस्या हो सकती है। इसे हमेशा भोजन के साथ या उसके बाद ही खाना बेहतर होता है।
दही के साथ मांसाहार (नॉनवेज) लेना:
दही और नॉनवेज खाद्य पदार्थों की प्रकृति (तासीर) एक-दूसरे से भिन्न होती है। इन्हें एक साथ खाने से पाचन क्रिया बिगड़ सकती है और एलर्जी होने का खतरा भी रहता है।
अधिक चीनी मिलाकर खाना:
दही में ज्यादा चीनी डालने से उसके प्रोबायोटिक लाभों में कमी आ जाती है। इसके अलावा, चीनी की अधिक मात्रा वजन बढ़ने और रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को असंतुलित करने का कारण बन सकती है।
बहुत खट्टा या पुराना दही खाना:
ज्यादा दिनों से रखा हुआ या बहुत अधिक खट्टा दही खाने से पेट में जलन, दस्त (diarrhea), गैस और बदहजमी जैसी पाचन संबंधी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
सीधे फ्रिज से निकालकर खाना:
अत्यधिक ठंडी दही खाने से गले में दर्द और सर्दी-ज़ुकाम होने की संभावना बढ़ जाती है। इसे खाने से पहले थोड़े समय के लिए कमरे के तापमान पर आने दें।
दही में नमक मिलाकर खाना:
दही में नमक (विशेषकर सादा नमक) मिलाने से उसके कुछ पोषक तत्व प्रभावित होते हैं और यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद में इसे उचित नहीं माना जाता है।
धातु के बर्तनों में दही जमाना या खाना:
एल्यूमिनियम या तांबे (कॉपर) के बर्तनों में दही खाने या रखने से दही में मौजूद एसिड इन धातुओं के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया (केमिकल रिएक्शन) कर सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
पाचन तंत्र ख़राब होने पर खाना:
यदि आपको पहले से ही पेट में जलन, उल्टी, या दस्त की शिकायत है, तो दही से दूर रहें। इस स्थिति में दही का सेवन आपकी समस्या को और भी बदतर बना सकता है।
दही एक अद्भुत और पौष्टिक आहार है, बशर्ते इसका सेवन सही तरीके और सही समय पर किया जाए। इन गलतियों से बचकर ही आप दही के स्वास्थ्य लाभों का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
















