छत्तीसगढ़

बारनवापारा अभ्यारण्य में बाघ की आहट, वन विभाग पूरी तरह मुस्तैद

बलौदा बाजार। बलौदा बाजार जिले के बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य में एक बार फिर बाघ की उपस्थिति दर्ज की गई है। वन विकास निगम के क्षेत्र में बाघ की हलचल के संकेत मिलने के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। अधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है, साथ ही इलाके में गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है।

दरअसल, बलौदा बाजार और महासमुंद जिले की सीमा से सटे वन विकास निगम क्षेत्र में बाघ के पैरों के निशान और उसके आवागमन के सबूत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह बाघ पड़ोसी राज्य के जंगलों से यहाँ आया है। वर्तमान में विभाग बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।

ग्रामीणों की आवाजाही पर रोक, तलाशी अभियान जारी

वन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों को फिलहाल जंगल के नजदीक जाने से मना किया है। पर्यटकों के लिए भी कुछ रास्तों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है। विभाग का कहना है कि यह कदम बाघ को सुरक्षित माहौल देगा और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सकेगा। गौरतलब है कि पिछले साल भी इसी इलाके में एक बाघ सक्रिय था, जिसे बाद में ट्रेंकुलाइज करके गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व भेज दिया गया था।

हाथियों की मौजूदगी से चुनौतियाँ बढ़ीं

इसी क्षेत्र में फिलहाल 28 हाथियों का एक झुंड भी सक्रिय है, जिससे वन विभाग की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कुछ दिन पहले हाथियों ने हरदी गांव में एक व्यक्ति की जान ले ली थी और तीन हाथी कुएं में गिर गए थे, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा था। हाल ही में हाथियों ने अभ्यारण्य के अधीक्षक की गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया था।

संरक्षण की दृष्टि से सकारात्मक समाचार

बारनवापारा में बाघ की उपस्थिति यह संकेत देती है कि जंगल का पारिस्थितिकी तंत्र बाघों के लिए अनुकूल हो रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे राज्य के वन्यजीव संरक्षण अभियान के लिए एक सकारात्मक खबर है। विभाग ने पूरे क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी है और किसी भी वन्यजीव गतिविधि की जानकारी तुरंत देने की अपील की है।

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