आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 07 अगस्त 2023
दिन – सोमवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – अधिक श्रावण
पक्ष – कृष्ण
तिथि – षष्ठी प्रातः 05:20 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – अश्विनी रात्रि 01:16 तक तत्पश्चात भरणी
योग – शूल शाम 06:17 तक तत्पश्चात गण्ड
राहु काल – सुबह 07:51 से 09:29 तक
सूर्योदय – 06:13
सूर्यास्त – 07:18
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:45 से 05:29 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:07 तक
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
कार्य को निर्विघ्न सम्पन्न करने व आरोग्य हेतु मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।… ‘ॐ’ माने अखिल ब्रह्मांड के रोम-रोम में रम रहा परमात्मा । ‘नमो’ – उसको नमन करते हैं । ‘भगवते’ – जो भगवान की आकृतियों – श्रीकृष्ण, श्रीराम, शिवजी, हनुमानजी आदि कई रूपों में होते हुए भी ‘वासुदेव’ है अर्थात् सब जगह बस रहा है। इस प्रकार अर्थ का चिंतन करते हुए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।’ मंत्र का जप करो ।
कोई भी शादी-विवाह या बड़ी यात्रा करने जाओ तो वह निर्विघ्न हो इस भावना से इस मंत्र की १ माला जप के जाओ। इससे वह कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होगा, इस मंत्र में यह ताकत है ।
दीया जलाकर जप करो तो और अच्छा है । पानी की कटोरी रख के उसमें देखते हुए इस मंत्र का जप करो । फिर वह पानी शादी-विवाह की सफलता हेतु घर में छिड़को ।
सुबह उठकर ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र २१ बार जपकर पानी में देखें और आरोग्य की भावना से वह पानी पियें । नारदजी कहते हैं कि इससे की रक्षा होती है ।
स्वास्थ्यवर्धक व उत्तम पथ्यकर ‘जौ’
आयुर्वेद ने ‘जौ’ की गणना नित्य सेवनीय द्रव्यों में की है । यह मधुर, पचने में हलका, शीतल, कफ-पित्तशामक, भूखवर्धक, स्वर को उत्तम करनेवाला, रक्तशुद्धिकर, बुद्धिवर्धक, शरीर वर्ण-निखारक, बुद्धिवर्धक, शरीर में स्थिरता उत्पन्न करनेवाला तथा वीर्यवर्धक अनाज है ।
जौ-सेवन के लाभ
जौ हृदय की रक्तवाहिनियों को लचीला बनाये रखता है, उच्च रक्तचाप (hypertension) को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हृदयरोग से रक्षा होती है ।
गुर्दों की खराबी (kidney failure), प्रोस्टेट की वृद्धि, पथरी, मूत्र-संक्रमण (UTI), पेशाब में रुकावट तथा जलन आदि समस्याओं में इसका सेवन खूब लाभकारी है ।
कैंसर की रोकथाम तथा उससे सुरक्षा के लिए छिलकेसहित जौ का सेवन अत्यंत लाभदायी सिद्ध हुआ है ।
मोटापा कम करने हेतु जौ सर्वोपरि पथ्यकर अनाज है । सब्जियाँ मिलाकर बनाया गया छिलके सहित जौ का दलिया वजन कम करने के लिए श्रेष्ठ विकल्प है ।
इसमें प्रचुर मात्रा में रेशे होने से पाचन- संस्थान स्वच्छ व सशक्त होता है । मल- मूत्रप्रवृत्ति खुलकर होती है । पुराने कब्ज में यह उत्तम आहार है । चर्मरोग, पेट के छाले (peptic ulcer), कफ व पित्तजन्य विकारों में भी इसका सेवन लाभदायी है ।








