पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच तीन अरब डॉलर का हुआ समझौता
इस्लामाबाद (एजेंसी)। आठ महीने की देरी के बाद, पाकिस्तान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) आखिरकार तीन अरब डॉलर समझौते पर पहुंच गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नकदी की कमी से जूझ रहा देश दिवालिया होने की कगार पर खड़ा़ है। रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि यह सौदा जुलाई में आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन है। नौ महीनों की वार्ता के बाद तीन अरब डॉलर की फंडिंग, पाकिस्तान के लिए उम्मीद से अधिक है। देश 2019 में स्वीकृत 6.5 बिलियन डालर के बेलआउट पैकेज से शेष 2.5 बिलियन डॉलर का इंतजार कर रहा था, जो शुक्रवार को समाप्त हो गया।
सौदे को सुरक्षित करने में मदद के लिए, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सोमवार को अपनी मुख्य ब्याज दर को 22 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई तक बढ़ा दिया था। बीबीसी ने पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के हवाले से जारी बयान में कहा, अर्थव्यवस्था को कई बाहरी झटकों का सामना करना पड़ा है, जैसे कि 2022 में विनाशकारी बाढ़, जिसने लाखों पाकिस्तानियों के जीवन को प्रभावित किया और यूक्रेन में रूस के युद्ध के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।