केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत सरकार, असम सरकार और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी/दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल (डीएनएलए/डीपीएससी) के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
यह समझौता 2024 तक उत्तर-पूर्व को उग्रवाद-मुक्त बनाने और एक शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आतंकमुक्त, हिंसामुक्त और विकासयुक्त नॉर्थईस्ट की कल्पना देश के सामने रखी है और गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है
इस समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले में उग्रवाद पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा, इसके साथ ही असम के हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है, सभी जनजातीय समूह मुख्यधारा में शामिल होकर भारत के विकास की प्रक्रिया में भागीदार बन रहे हैं
समझौते के तहत, DNLA प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, हथियार और गोला-बारूद सहित आत्मसमर्पण करने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, DNLA कैडरों के कब्जे वाले सभी शिविरों को खाली करने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताई है
आज के समझौते में डीएनएलए के आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के पुनर्वास के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा किए जाने वाले आवश्यक उपायों का प्रावधान किया गया है
इस उद्देश्य के लिए, NCHAC के साथ-साथ अन्य भागों में रहने वाले दिमासा लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा पांच साल की अवधि में 500-500 करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज भी प्रदान किया जाएगा
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह समझौता 2024 तक उत्तर-पूर्व को उग्रवाद-मुक्त बनाने और एक शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आज हुए इस समझौते के साथ ही असम के हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है और अब असम में एक भी उग्रवादी समूह नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अब सारे जनजातीय समूह मुख्यधारा में आ गए हैं और भारत के विकास की प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आतंकमुक्त, हिंसामुक्त और विकासयुक्त नॉर्थईस्ट की कल्पना देश के सामने रखी है और गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में इस दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत, DNLA प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, हथियार और गोला-बारूद सहित आत्मसमर्पण करने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, DNLA कैडरों के कब्जे वाले सभी शिविरों को खाली करने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताई है। इस समझौते के परिणामस्वरूप DNLA के 168 से अधिक सशस्त्र कैडर अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज हुए समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले से उग्रवाद और हिंसा पूर्ण रूप से समाप्त हो गए हैं। आज के समझौते के तहत असम सरकार द्वारा दिमासा कल्याण परिषद की स्थापना की जाएगी, जो राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई पहचान आदि की रक्षा, संरक्षण और प्रचार करते हुए स्वायत्त परिषद के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले दिमासा लोगों का त्वरित और केंद्रित विकास सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा समझौते में मुख्य रूप से संविधान की छठी अनुसूची के अनुच्छेद 14 के तहत उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) से सटे अतिरिक्त गांवों को परिषद में शामिल करने की मांग की जांच करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति का प्रावधान कया गया है।
भारत सरकार और असम सरकार डीएनएलए के आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों का पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे और इस उद्देश्य के लिए, NCHAC के साथ-साथ अन्य भागों में रहने वाले दिमासा लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा पांच साल की अवधि में 500-500 करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज भी प्रदान किया जाएगा।
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