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अरब के देशों में मोदी सरकार की नीति की इतनी चर्चा क्यों?
पिछले हफ़्ते रविवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ अमेरिका, भारत और यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मुलाक़ात को काफ़ी अहम माना जा रहा है.
कहा जा रहा है कि खाड़ी के देशों में अमेरिका अपनी रणनीति में भारत को ख़ासा तवज्जो दे रहा है.
अरब वर्ल्ड में भारत की नई संभावनाओं की बात कही जा रही है. थिंक टैंक द विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कगलमैन ने अमेरिकी पत्रिका फॉरन पॉलिसी में लिखा है कि सऊदी अरब में तीनों देशों के एनएसए ने मिलकर जो प्रस्ताव रखा है, उससे यह संकेत मिलता है कि भारत और यूएई इंडो पैसिफिक के अलावा मध्य-पूर्व में चीन के प्रभाव को रोकने के लिए मिलकर काम करने की ओर बढ़ रहे हैं.
माइकल कगलमैन ने लिखा है, ”बाइडन प्रशासन का मानना है कि कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के ज़रिए ही मध्य-पूर्व में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकता है.”