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केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने जेवर हवाई अड्डे पर पहली वैलिडेशन फ्लाइट की लैंडिंग का किया निरीक्षण

दिल्ली (एजेंसी)। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) पर आज पहली वैलिडेशन फ्लाइट सफलतापूर्वक उतरी, जो ऑपरेशनल तत्परता की दिशा में इसकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू, गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा और जेवर के विधायक श्री धीरेंद्र सिंह मौजूद थे। इंडिगो की फ्लाइट दोपहर में हवाई अड्डे पर उतरी, जिसे औपचारिक वाटर कैनन सैल्यूट और परियोजना के साइट कर्मचारियो द्वारा जोरदार तालियों से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, वुमलुनमंग वुलनाम, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष विपिन कुमार, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल सहित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इस उड़ान ने हवाई अड्डे की आगमन और प्रस्थान प्रक्रियाओं, नेविगेशनल सहायता और हवाई यातायात नियंत्रण प्रणालियों की सटीकता सुनिश्चित हुई। नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू ने पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि जेवर हवाई अड्डे से भारत में हवाई यात्रा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बदल जाएगी। उन्होने कहा कि यह हवाई अड्डा 2025 में एक चालू रनवे के साथ खुलेगा और सालाना 12 मिलियन यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह हवाई अड्डा अपने डिजाइन, शिल्प कौशल और यात्री सेवाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और पहचान को दर्शाते हुए विश्व स्तरीय सुविधा के रूप में काम करेगा।

श्री राम मोहन नायडू ने जेवर के किसानों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, जिनकी मदद से उत्तर प्रदेश को अपने 17वे हवाई अड्डे को वास्तविकता बनाने में महत्वपूर्ण मदद मिली।

अपने दौरे के दौरान, श्री नायडू ने हवाई अड्डे के संचालक के साथ एक समीक्षा बैठक की और उन्हें परियोजना की समय-सीमा का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया ताकि अप्रैल 2025 तक हवाई अड्डे का संचालन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने जेवर हवाई अड्डे के लिए ऐसी सेवाएँ प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया जो नए मानक स्थापित करती हैं, जिसमें बुनियादी ढाँचा वास्तव में विश्व स्तरीय है और जिसमें स्थानीय संस्कृति और शिल्प कौशल के तत्व शामिल हैं। उन्होंने सड़क, रेल और मेट्रो लिंक सहित कनेक्टिविटी योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और भविष्य की हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी पर चर्चा की, जो हवाई अड्डे को व्यापक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क के साथ जोड सकती है। उन्होने ने पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए हवाई अड्डे को बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग जैसे उपायों पर विशेष ध्यान दिया।

श्री नायडू ने इस परियोजना की अपार आर्थिक संभावनाओं को रेखांकित किया, जिससे हजारों नौकरियां पैदा होने, पर्यटन को बढ़ावा मिलने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय विकास को गति मिलने की उम्मीद है। उन्होंने साइट पर काम करने वाले कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे को बनाने में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को स्वीकार किया।

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