मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अकलतरी में ग्रामीण औद्योगिक पार्क का किया निरीक्षण
*समूह की महिलाओं से मुख्यमंत्री हुए रूबरू*
*बूढ़ी माई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बांस के पैरा से बनी पेंटिंग मुख्यमंत्री को भेंट की*
रायपुर, 12 मई 2023/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के दौरान ग्राम अकलतरी में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने स्व सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर संचालित व्यवसाय के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री को समूह की महिलाओं ने बताया कि पहले उनके पास रोजी-रोटी का कोई साधन नहीं था, बाजार भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। राज्य शासन के सहयोग से उनके उत्पाद को बाजार में उपलब्ध कराने एग्जीबिशन, सी मार्ट, एवं अन्य हाट बाजार व मड़ई मेला में स्थान उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। महिलाओं ने कहा कि इससे उनके उत्पादों को अच्छा बाजार मिल रहा है, उनकी आमदनी भी बढ़ी है। इस मौके पर राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद थे।
*महिला समूह को 20 हजार बल्ब सप्लाई का मिला आर्डर*
मुख्यमंत्री श्री बघेल अकलतरी रीपा में बिजली के बल्ब तैयार करने वाले नर्मदा महिला स्व सहायता की महिलाओं से भी रूबरू हुए। इस समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके समूह को 20 हजार बल्ब सप्लाई का आर्डर मिला है। मुख्यमंत्री ने समूह की महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि समूह की महिलाएं गैर परम्परागत कार्य का प्रशिक्षण लेकर अच्छी गुणवत्ता के बल्ब तैयार कर रही है। बाजार से बल्ब सप्लाई का ऑडर मिलना एक अच्छा संकेत है।
इस समूह की सदस्य कुसुम निर्मलकर और मधुरिमा धीवर ने बताया कि उनके समूह में 14 सदस्य हैं। वे बल्ब निर्माण का कार्य करती हैं। पहले वे बल्ब निर्माण का कार्य नहीं जानती थी। गौठान में प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग लेकर बल्ब निर्माण का कार्य कर रही हैं। समूह के सदस्यों ने बताया कि समूह को शासन के सहयोग से 60 हजार रुपए का ऋण प्राप्त हुआ है। ऋण राशि में से 10 हजार रुपए का मशीन क्रय किया, फिर कच्चा सामग्री खरीद कर बल्ब निर्माण का कार्य शुरू किया। अब तक 80 हजार रुपए का बल्ब बेच चुके हैं। साठ हजार रूपए का ऋण राशि बैंक को अदा कर दिया है। 20 हजार रुपए बैंक में जमा हैं। इसके अतिरिक्त 25 से 30 हजार का बल्ब उनके पास अभी भी उपलब्ध है। महिलाओं ने बताया कि पहले रोजी-मजदूरी का काम करके कुछ ज्यादा नहीं मिल पाता था। अब उनके पास स्थाई पूंजी भी एकत्र होने लगी है। जरूरत के समय में बैंक से राशि निकालकर सदस्यों द्वारा उपयोग किया जाता है, उसके बाद पुनः पैसे वापस बैंक में जमा करा देते हैं। इस तरह से जरूरत में भी अब हमें किसी साहूकार के पास ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।
*बांस शिल्प के उत्पादों को मिल रहा अच्छा बाजार*
इस दौरान बूढ़ी माई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बांस के पैरा से बने मुख्यमंत्री का पेंटिंग मुख्यमंत्री को भेंट किया। समूह की सदस्य श्रीमती लक्ष्मीन बाई ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं बांस शिल्प का कार्य परंपरागत रूप से करते आ रही हैं । इस कार्य में उनके पति और परिवार वाले भी सहयोग करते हैं। वे स्वयं बांस शिल्प कला में प्रशिक्षण देने का भी काम करती हैं। समूह की महिलाओं द्वारा कमंडल, टोकरी, गुलदस्ता, टेबल लैंप ,एंगल, स्टैंड, दीवान, हैंगर, सूपा, झेंझरी, डस्टबिन आदि अनेक उत्पाद बनाते हैं। लक्ष्मीन बाई ने बताया कि पहले भी बांस शिल्प का कार्य करते थे किंतु व्यवसाय अच्छे से नहीं हो पाता था। अब शासन द्वारा बाजार उपलब्ध कराने और सहयोग प्रदान करने के कारण हमें अच्छा बाजार मिल रहा है, आमदनी बढ़ी है, बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में भी अब कोई परेशानी नहीं हो रही है। लक्ष्मीन ने बताया कि उनके समूह को शासन द्वारा 50 हजार रुपए का ऋण भी उपलब्ध कराया गया है। बूढ़ी माई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अकलतरी आने और उनके व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के लिए धन्यवाद दिया।
रीपा में उज्जवल ज्योति महिला स्व सहायता समूह तथा राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों के द्वारा चैन लिंक फेंसिंग तथा आरसीसी पोल का निर्माण किया जा रहा है। उज्जवल महिला स्व सहायता समूह की सदस्य फुलेश्वरी ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक माह पहले ही इस इकाई को स्थापित किया गया है अब तक 22 क्विंटल चैन लिंक फेंसिंग का निर्माण कर इसे बाजार में 1 लाख 76 हजार रुपये में बेच चुके हैं जिससे हमें 11 हजार रुपये का फायदा हुआ है। राजीव युवा मितान क्लब के सदस्य श्री सुखदेव ने बताया कि पिछले 20 दिनों में लगभग 950 खंभों का निर्माण कर 1 लाख 90 हजार रुपये की बिक्री बाजार में कर चुके हैं। सुखदेव ने बताया कि आसपास के 4 गौठानो से 12 सौ खंभों का ऑर्डर मिला है। उन्हें गौठानो में 20 क्विंटल चैन लिंक फेंसिंग का भी आर्डर मिला है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अकलतरी के रीपा में पोल्ट्री कमर्शियल ब्लीडर-लेयर यूनिट का अवलोकन किया। उन्नति महिला स्व सहायता समूह की सदस्य प्रिया धीवर ने बताया की इस ब्लीडर यूनिट में आर.आई. आर. प्रकार के मुर्गे एवं मुर्गियों का पालन किया जा रहा है। इनसे अंडे का उत्पादन किया जाता है। प्रिया ने बताया आर आइ आर प्रकार की मुर्गी एक वर्ष में लगभग 200 अंडे देती है जबकि सामान्य मुर्गियां एक वर्ष में 120 से 130 अंडे देती है। प्रिया ने बताया कि इन अंडो की बिक्री बाजार में 14 रुपये प्रति नग की दर से होती है। प्रिया ने बताया कि इन अंडों को पोल्ट्री एग इनक्यूबेटर में रखते हैं जिससे चूजा निकलता है। और इन चूज़ों की बिक्री पोल्ट्री फार्म में की जाती है।
*मुख्यमंत्री ने अकलतरी रीपा में मिनी फीड मिल का किया अवलोकन*
जय भारत महिला स्व सहायता समूह की सदस्य ज्योति धीवर ने मुख्यमंत्री को बताया कि लगभग 20 दिन पहले शासन की मदद से 09 लाख की लागत से मिनी फीड मिल इकाई स्थापित की गई है। ज्योति ने बताया कि इस यूनिट में मकई दलिया, गेहूं दलिया, कपास खली, कोड़ा खली, कैलशियम एंड विटामिन पाउडर, सरसों खली तथा गुड़ का सीरा आदि मिलाकर पशु आहार तैयार किया जाता है। ज्योति ने बताया कि मटेरियल लेने के लिए हमें शासन की ओर से शून्य प्रतिशत ब्याज पर 5 लाख का लोन भी मिला है। इस यूनिट की प्रतिमाह का निर्माण क्षमता 4 सौ से 15 सौ क्विंटल है। अब तक 62 हजार 500 रुपये के पशु आहार की बिक्री आसपास के पशुपालकों को कर चुके हैं, जिससे हमें 5 हजार रुपये का फायदा हुआ है।
मुख्यमंत्री से भूपेश बघेल ने अकलतरी रीपा में फैब्रिकेशन यूनिट का भी अवलोकन किया। वेल्डर सुदर्शन ने बताया कि यहां पर खिड़की, दरवाजा, गेट इत्यादि तैयार किया जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रीपा में प्रशिक्षण सह प्रदर्शनी इकाई का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अकलतरी रीपा परिसर में कदंब के पौधे का किया रोपण।
मुख्यमंत्री ने कोसा धागा से कपड़ा बुनाई, कपड़ा उत्पाद, मसाला उद्योग, काष्ठ गुड़ी, लौह गुड़ी, मसाला गुड़ी का भी अवलोकन किया। समूह की महिलाओं और गुड़ी में कार्य कर रहे लोगों ने उन्हें स्थान उपलब्ध कराने और सहयोग प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार माना। श्री बघेल ने यहां गोबर पेंट, फिनाईल तैयार करने की इकाई का भी अवलोकन किया।