शराब घोटाले के विरोध में आयोजित महाधरना में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह
शराब घोटाले के विरोध में आयोजित महाधरना में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह*
*भूपेश बघेल को अब मुख्यमंत्री पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं: पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह*
राजनांदगांव। 11/05/2023 छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्टीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजनांदगांव जिले में आयोजित महाधरना प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के भ्र्ष्टाचार पर जमकर निशाना साधा।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भ्र्ष्टाचार का ईडी ने जो प्रमाण सहित न्यायालय में दस्तावेज प्रस्तुत किया उसके आधार पर 2020-21 से 2021-22 तक दो हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले का साक्ष्य प्रमाण सहित ईडी ने ज़ब्त किया है।
साथ ही उन्होंने अवैध शराब को लेकर भी प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार 30 से 40% शराब अवैध रूप से बेच रही है, बिना होलो, वेट और एक्साइज ड्यूटी के सरकारी दुकान में पीसीएम के नाम से दो हज़ार करोड़ रूपए कलेक्ट किया। भ्र्ष्टाचार का इससे बड़ा प्रमाण नही मिलेगा कि सरकार खुद भ्र्ष्टाचार में लिप्त है।
इसके आलावा उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने सन 2017 में अवैध शराब को रोकने की पॉलिसी बनाई जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सन 2019 में बदलकर अवैध शराब के धंधे के रास्ते खोल दिए।
कोयले में 25 रु. प्रति टन की दलाली और चावल में 5000 करोड़ रु. के घोटाले से लेकर 2000 करोड़ के शराब घोटाले तक ये सभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भ्रष्टाचार की श्रंखला है।
इतने घोटालों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब मुख्यमंत्री पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ने चावल घोटाले पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश कि गरीब जनता के लिए केंद्र से आए चावल में जो बड़ा घोटाला हुआ उसे हमने विधानसभा में उठाया और केंद्र से इसकी जाँच का अनुरोध किया जिसके बाद चार सदस्यों के टीम राशन दुकानों में जाकर देख रही है कि किस प्रकार हितग्राहियों के चावल में लुट मचाया गया है।
इसके साथ ही कांग्रेस विधायक छन्नी साहू को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार के भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर कांग्रेस की ही महिला विधायक छन्नी साहू को मंगलसूत्र RTO दफ़्तर के टेबल पर रखना पड़ा और इससे अधिक शर्म की बात इस सरकार के लिए कुछ नहीं हो सकती।