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पत्रकार परिवार हुआ अनोखे ढंग से ठगी का शिकार,वरिष्ठ पत्रकार ,साहित्यकार कवि सुनील जायसवाल से सुने आपबीती
- इन चेहरों को पहचान लीजिये, ठगी का नया ट्रेंड
ये आपसे रिश्ते बना कर आपके घर मे घुसेंगे और कुछ महीनों में कंगाल कर देंगे। रायपुर। 17 मई 2023,
राजधानी रायपुर में एक ठग दंपति द्वारा ठगी का बिलकुल नए ट्रेंड से एक परिवार के सभी सदस्यों को झांसे में लेकर करीब 18 लाख रुपये की ठंगी कर लिए जाने का मामला चर्चा में है। पुलिस ब्रीफिंग के अनुसार धारा 420 , 34 के तहत कल 16 मई को रायपुर के खम्हारडीह थाने में एफआईआर दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि उधार दिए गए रकम को वापस मांगने व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद से पूर्णिमा शर्मा लगातार हरिजन एक्ट में फंसाने व अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज करने धमकी दे रही है। एक मामला रायपुर अजाक थाने में सुनील जायसवाल के खिलाफ दर्ज भी करा दिया है।
इसके साथ ही पुलिस कार्यवाही के दौरान पूछताछ से बचने के लिए पूर्णिमा शर्मा के पति आदित्य हुमने ने सीएसपी विधानसभा क्षेत्र उदयन बेहार पर सुनील जायसवाल के साथ मिलीभगत कर उसकी पत्नी जोकि अनुसूचित जाति से आती है को प्रताड़ित किए जाने का आरोप के साथ, मुख्यमंत्री, डीजीपी और एसपी रायपुर को शिकायती पत्र भेजा है।
ठगी को अंजाम देने और पर्दाफाश होने के बाद से ठग दम्पत्ति – श्रीमती पूर्णिमा शर्मा और उसका पति आदित्य हुमने रायपुर खम्हारडीह के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के फ्लैट नम्बर 19/450 से रातोंरात फरार हो गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन ठगों को बिलासपुर के अम्बेडकर नगर, नहरपार, सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में किन्ही नंद कुमार हुमने व बंटी हुमने (देवर) ने उन्हें अपने घर पर पनाह दिया है। पुलिस इस मामले में उन पर आरोपियों को छुपाने के जुर्म में अपराध कायम कर सकती है।
बताया जाता है कि इस ठग दंपत्ति को सहयोग दे, मिलीभगत कर ठगी में शामिल होने का आरोप करीब दर्जन भर लोगों पर भी लगा है। इन्होंने ऑन लाईन व नकद रुपये के ट्रांजेक्शन में सहयोग दिया है। इन लोगों से पुलिस बहुत जल्द पूछताछ कर सकती है।
ठगी के शिकार परिवार के द्वारा दर्ज कराए गए बयान के अनुसार पूर्णिमा शर्मा और आदित्य हुमने ने बहुत ही शातिराना तरीके से पीड़ित परिवार से इमोशनली संबंध बनाए। पड़ोस में रहने का लाभ उठा विश्वास बनाया। आगे चलकर इतना करीबी रिश्ता कायम किया कि पूर्णिमा शर्मा जो कि खम्हारडीह में ही एक स्कूल में शिक्षिका रही, ने अपने पूरी प्रेग्नेंसी पीरियड के दौरान पीड़ित परिवार के देखरेख में रही। उनसे सेवा भी करवाया। उन्हें पूरी तरह से इमोशन में बांधने की लिए शातिर पूर्णिमा शर्मा कहती कि आंटी आप एकदम से मेरी अपनी माँ की तरह हो, उनसे बढ़कर हो। वर्ना उनका स्वर्गवास होने के बाद मेरी सौतेली मां ने जितनी तकलीफें और ताने दीए हैं कि मैं जीवित हूं यही काफी है। कई बार आत्महत्या की भी सोची। किसी तरह मास्टर डिग्री तक पढ़ाई की। अपनी जरुरतों को पुरा करने छोटी-मोटी नौकरी की। इसी दौरान आदित्य से मुलाकत हुई और हमने शादी कर ली। अब आप जैसे अपने माँ-पिता के समान अंकल-आंटी मिल गए। प्रायः इस बात को छेड़ती और उसकी आंखें भींग जाती। कभी कभी रोती भी। इस तरह उसने इमोशनली बांध लिया। कि पीड़िता कुसुम जायसवाल व पीड़ित सुनील जायसवाल ने एकदम से अपनी गोद ली हुई बिटिया की तरह व्यवहार किया। शंकर नगर के एक नर्सिंग होम में बच्चे की डिलीवरी के लिए उन्हें 55 हजार रुपये भी बिल पेमेंट करने उधार में दिए। जबकि वहां उसे बिल नहीं चुकाना पड़ा था। क्योंकि उसका पति वहां स्टाफ था। यह जानकारी खुद डॉ कंवर ने दी है। इसके साथ ही आदित्य हुमने ने यहां बिल में हेरफेर व कई स्टाफ से हजारों की रकम ऐंठने के आरोप पर नौकरी से निकाला जा चुका है।
उसके बाद नवजात शिशु जब तीन माह का हो गया तो वे लोग सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक जायसवाल परिवार के घर पर छोड़ कर अपने जॉब में चले जाते। इस दौरान शिशु की देखभाल बिलकुल अपने नाती की तरह कुसुम जायसवाल(आंटी) करती रही। बच्चे को दूध पिलाने के साथ हगीज बदलने , नहलाने, कपड़े बदलने तक सभी सेवा। ठग दम्पत्ति सुनील जायसवाल को अंकल और उनकी पत्नी कुसुम जायसवाल को आंटी कहते थे। यहां तक कि प्रायः देर से आने पर जायसवाल परिवार उन्हें अपने घर पर ही डिनर भी करवाता। कभी बना हुआ भोजन उन्हें देता ,जिसे वे अपने फ्लैट में जाकर खाते थे।
उस नवजात बच्चे की आड़ में ठग दम्पत्ति ने जायसवाल परिवार को इस हदतक अपने साथ इमोशनली जोड़ लिया कि उन्होंने जब भी जितना भी रुपये उनसे उधार मांगते मिल जाता। शुरुआत छोटी रकम कभी 2 कभी 5 हज़ार। जिसे वे समय पर लौट भी देते। आगे चलकर यह उधारी 10 से 20 हजार रुपये तक हो गई। लेनेदेन करते रहे। विश्वास बढ़ाते रहे। तबतक शिशु 6 महीने का हो गया। तभी एक दिन पूर्णिमा शर्मा आंटी से कहती है कि आंटी आप तो जानते हो स्कूल से मुजगे साढ़े 7 हजार रुपए और आदित्य को उनके नर्सिंग होम वाली नौकरी से 25 हजार रुपये की सैलरी मिलती है। जिसमें से 6 हजार किराया, 3 हजार पेट्रोल, 10 हजार घर खर्च, 600 बिजली बिल, 4 हज़ार ईएमआई, बाकी अन्य जरूरी खर्चों में 2 से 3 हजार। महीने के अंत में कुछ बचना तो क्या। घटा ही रहता है।
ऐसे में आंटी फुग्गा (बच्चे को वह इसी निक नेम से बुलाती, जबकि अंकल उसे कोचू बुलाते) भी धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है। खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। कुल आमदनी 32 हजार महीने का। आपतो जानती हैं प्राइवेट जॉब में आगे सैलरी कुछ भी बढना नहीं है। एकाध हजार बढ़ भी गया तो क्या? इस लिए मैं कुछ करने सोचा है। आप और अंकल मदद करते तो सैलेरी से अलग 4, 5 हजार रुपये महीने का हम कमा लेते। साथ में आंकल और आपको भी कुछ कमाई हो जाती। और अंकल का काम भी उतना नहीं चल रहा है।
करना क्या चाहती है पूछने पर बताया कि उसके पढाये हुए कुछ स्टूडेंट्स हैं। दो चार मेरे रिस्तेदार और मित्र हैं। वे सभी छोटा-मोटा
करते हैं। उन्हें हमेशा रुपये की जरूरत पड़ती है। वे ब्याज में मार्केट से पैसे उठाते हैं। जिसका ब्याज दर बहुत ज्यादा होता है। यदि हम उनके व्यवसाय में इन्वेस्ट करेंगे तो वे महंगे ब्याज से बचेंगे और कुछ मुझे और कुछ आप लोगों को भी मिल जाया करेगा। ऐसे ही कुछ लोगों का मैंने और आदि ने एक लिस्ट बनाया है। जिसे हम उनकी व्यवसाय के आधार पर उधार में रुपये देंगे और बदले में वे हमें हर माह सीधे 5 परसेंट ब्याज देंगे। जिसमें से आपको 3 परसेंट और हमें 2 परसेंट मिलता रहेगा।
इस तरह झांसे में लेकर और अपने पूर्व के लेनदेन की वजह से बनाए गए भरोसे से पूर्णिमा शर्मा ने आंटी से कई किश्तों में करीब डेढ़ लाख रुपये ली। जिसका हर माह तीन महीने तक 3 परसेंट देती रही। इसके बाद एक दिन अंकल को भी इसी आधार पर झांसे में ले लिया। पहले करीब 3 लाख और विश्वास जमने के बाद अंकल ने बैंक लोन 10 लाख रुपये निकाल कर और 4 लाख दे दिया। उसके बाद आंटी के बेटे राहुल से 1 लाख 87 हजार, फिर आंटी की मुंबई वाली बेटी से 87 हजार रुपये। सितम्बर 2022 से दिसंबर 2022 तक तकरीबन 18 लाख रुपये ले लिए। इस लेन देन में कई बार आदित्य हुमने भी पूर्णिमा शर्मा के लिए रकम ले जाता था। हर नकद रकम के लिए वे एक पावती रशीद पूर्णिमा शर्मा के हस्ताक्षर वाला दे जाते थे। जिसमें लिए गए नकद रकम के साथ उस दिन का डेट भी होता था।
इसी दौरान अंतिम रूप से आदित्य हुमने जो नर्सिंग होम की नौकरी छोड़ कर हिर्डिंग व एक एड एजेंसी में काम करने लगा था। एक दिन अंकल से कहा कि अंकल कुछ दिनों से मैं भी अलग से होर्डिंग, पोस्टर, बैनर का ऑर्डर ले रहा हूँ। खुद डिजाइन भी बनाता हूँ और प्रिंट करवा कर पार्टियों को दे देता हूँ । इससे अच्छी खासी आमदनी हो रही है। अभी-अभी कांग्रेस के सम्मेलन के लिए एक बड़ा आर्डर संवाद से मिला है। 5 लाख रुपये की जरूरत है रॉ मैटीरियल के लिए। यदि आप उधार दे देते तो आपको भी लाभ का कुछ परसेंट दे दूंगा। ऐसे कह कर उसने अंकल से तीन किश्तों डेढ़ लाख और एक मुश्त 2.5 लाख कुल 4 लाख ले गया। परन्तु तय समय पर रकम वापस नहीं कर पाया तो बाद में 3लाख 26 हजार का एक चेक दे गया। इसी दौरान पूर्णिमा शर्मा ने भी अंकल, आंटी, राहुल और कंचन गुप्ता को अलग-अलग फरवरी 2023 के अंतिम डेट तक का चेक उनसे ली गई रकम के आधार पर दे दिया।
अंत में एक छोटी सी घटना ने उनकी ठगी के चाल का भांडा फोड़ दिया। फिर कहीं से पता चला कि वे फरवरी 2023 के अंत में रायपुर से बिलासपुर शिफ्ट कर जाने वाले हैं। इसी लिए उन्होंने सभी चेक्स में फरवरी के अंतिम तिथि तक का डेट डाला था कि जब तक उनका भेद खुलेगा वे यहां से फ़रार हो चुके होंगे।
पूर्णिमा शर्मा ने खम्हारडीह स्थित कल्याण पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर और वहां के कई स्टाफ से भी हजारों रुपये ठगी की है।
यह जानकारी खुद डायरेक्टर सर ने दी है।
और जब तक जायसवाल परिवार अपने ठग लिए जाने का रिपोर्ट थाने में दर्ज करा पाता उससे पहले ही ठीक 28 फरवरी की रात वे हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में अपने किराए का फ्लैट छोड़ कर ग़ायब हो गए।।
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