जानापाव की पहाड़ी पर भी पहुँचेगा नर्मदा का जल, रोप-वे भी लगेगा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री ने जानापाव में किया परशुराम लोक के निर्माण का भूमि-पूजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भगवान परशुराम की जन्म-स्थली तथा अनेक नदियों के उद्गम स्थली जानापाव में भगवान परशुराम के नव-निर्मित मंदिर में पूजा-अर्चना कर पवित्र जल कुण्ड के दर्शन किये। उन्होंने कहा कि गत अप्रैल माह में जब मैं यहाँ आया था, तभी यहाँ परशुराम लोक बनाए जाने की घोषणा की थी। लगभग एक माह की अवधि में ही घोषणा पर अमल प्रारंभ कर दिया है। विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये स्वीकृति देकर आज भूमि-पूजन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, लेकिन धर्म उसका आधार होता है। प्राचीन काल में भी शासक वर्ग पनघट, मंदिर, धर्मशाला एवं सार्वजनिक प्रयोजन के निर्माण कराते थे। राज्य सरकार भी विकास के विभिन्न कार्यों के साथ विभिन्न धर्म-स्थलों का विकास भी करा रही है। उन्होंने कहा की जनता के विकास और सुविधाओं के लिए योजना भी बने और ऐसे पावन लोक भी बनें। इस दिशा में राज्य सरकार सचेष्ट होकर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी ऊँची पहाड़ी पर माँ नर्मदा का जल लाना एक कठिन कार्य है, लेकिन विभिन्न चरणों में पंपिंग के द्वारा यहाँ नर्मदा का जल लाया जाएगा।
संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि आज यह पावन स्थली श्रद्धालुओं के लिए अनेक सुविधाओं से युक्त हो गयी है। परशुराम लोक निर्माण के लिए भूमि-पूजन हुआ है। वहीं ढाई करोड़ रूपये की लागत से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम के फरसे से ही देवभूमि केरल का निर्माण हुआ था। वे न केवल हमारे आराध्य हैं बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता के आधार भी हैं। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि महू क्षेत्र के 90 ग्रामों ने एक अनोखी पहल की है। ग्रामीणों द्वारा जानापाव में अखंड शिव कीर्तन प्रारंभ किया जायेगा। एक दिन में तीन गाँव की टोलियाँ यहाँ आकर निरंतर संकीर्तन करेंगी, जो लगातार 24 घंटे होगा। इससे जानापाव की तपोभूमि और भी अधिक ऊर्जित होगी।
सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि आज गौरव का दिन है कि जानापाव को तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस भूमि से धर्म और अध्यात्म का भाव पैदा होता है। देश-भक्ति की प्रेरणा भी यहाँ से मिलती है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम लोक विकसित करना मुख्यमंत्री श्री चौहान के दृढ़-संकल्प का ही परिणाम है।
अध्यक्ष युवा आयोग डॉ. निशांत खरे, सांसद सुश्री कविता पाटीदार, श्री छतर सिंह दरबार, विधायक श्री रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक श्री राजेश सोनकर, इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री गोलू शुक्ला, महंत श्री भालेश्वर महाराज और श्री योगेश्वर सहित साधु-संत, जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।