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भीषण गर्मी में लू से बचाव एवं उसके उपाय हेतु आवश्यक सुझाव

उत्तर बस्तर कांकेर 12 मई 2023 :- ग्रीष्म ऋतु के दौरान तापमान में वृद्धि होने के कारण लू की संभावना अधिक होती है, लू से बचाव एवं उसके उपाय हेतु जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी ने नगर सेना कांकेर द्वारा आवश्यक सुझाव दिया गया है।
लू के लक्षण – सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर  और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना व बेहोश होना।
लू से बचाव- भीषण गर्मी में लू से बचाव हेतु पर्याप्त पानी पीये भले ही प्यास न लगे, मिर्गी या हृदय, गुर्दे या यकृत रोग से पीड़ित व्यक्ति जो तरल-प्रतिबंधित आहार पर है या जिनको द्रव्य प्रतिधारण की समस्या है, उनको तरल सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस, घर के बने पेय जैसे- लस्सी, पोरानी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें। हल्के रंग के ढीले, सूती कपड़े पहन, यदि कही बाहर है, तो अपना सिर ढ़ंके  कपड़े टोपी या छतरी का उपयोग करे। आखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें और त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्कीन लगाएं। प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षण लें। बुजुर्ग बच्चे बीमार या अधिक वजन वाले लोगों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि अनके अत्यधिक गर्मी से अस्वस्थ होने की संभावना ज्यादा रहती है। श्रमिकों के लिये कार्य स्थल पर ठंडे पेयजल का प्रबंध रखें। श्रमिकों को सीधी धूप से बचने के लिये सलाह दें। श्रमसाध्य कार्यों को दिन के कम ताप वाले समय में ही करें और गर्भवती महिलाओं तथा चिकित्सीय समस्या वाले कामगारों पर अतिरिक्त ध्यान रखें।
क्या न करें- धूप में बाहर जाने से बचे,  नगे पाव बाहर न जाए,  दिन के सबसे गर्म समय के दौरान खाना पकाने से बचे, खाना पकाने के हिस्से को हवादार बनाये रखने के लिये दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचे, ये शरीर को निर्जलित करते हैं। अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचे, पार्क किये गये वाहन में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़े, वे गर्भ हवा से प्रभावित हो सकते है।
सावधानियां- जितना हो सके घर के अंदर रहे, नमक, जीरा, प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक को रोक सकते हैं। बंद वाहन में बच्चे और पालतू जानवरों को अकेला ने छोडे, पंखे और नम कपड़े का प्रयोग करे। डंण्डे पानी में स्नान करे। अपने घर या कार्यालय में आने वाले विक्रेताओं तथा सामान पहुचाने वाले लोगों को पानी पिलाये और पेड़ लगाये, सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषो तथा कचरें को न जलायें।
लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार – बुखार से पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगावें, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलावें जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवें, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें, पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जायें, आंगनबाड़ी मितानिन तथा ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें।

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