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भारतीय मूल के शिक्षाविदों को मिला ब्रिटेन का बड़ा पुरस्कार

लंदन (एजेंसी)। ऑक्सफॉर्स विश्वविद्यालय की भारतीय मूल की शिक्षाविदों और किंग्स कॉलेज लंदन की एक दक्षिण एशियाई इतिहासकार उन तीस लोगों में शामिल हैं, जिन्हें तीन मिलियन पाउंड के ‘ 2023 लेवरहुल्मे ट्रस्ट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण शोध के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र संकाय से प्रोफेसर अमिया श्रीनिवासन को महामारी विज्ञान, सामाजिक और राजनीतिक दर्शन, नारीवाद, अधिदर्शन या तत्वमिमांसा (मेटाफिलॉसफी) और दर्शन के इतिहास पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है। वहीं, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर रिधि कश्यप को जनसांख्यिकी, सामाजिक सांख्यिकी, कम्प्यूटेशनल सामाजिक विज्ञान, डिजिटल और कम्प्यूटेशनल जनसांख्यिकी और लिंग असमानताओं पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है।

पुरस्कार प्राप्त करते हुए कश्यप ने कहा, ऑक्सफोर्ड जनसांख्यिकी और कम्प्यूटेशनल सामाजिक विज्ञान पर अनुसंधान करने के लिए एक रोमांचक जगह है। मैं वास्तविक और पद्धतिगत दोनों दिशाओं में अपने शोध को जारी रखने और डिजिटल और कम्प्यूटेशनल जनसांख्यिकी की उन्नति में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।

इस बीच, किंग्स कॉलेज लंदन में आधुनिक दक्षिण एशिया और हिंद महासागर की इतिहासकार डॉ बेरेनिस गुयोट-रेचर्ड को दक्षिण एशिया के इतिहास, अंतरराष्ट्रीय इतिहास और अनौपनिवेशीकरण के इतिहास पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है।  पुरस्कार प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा,  यह पुरस्कार मुझे यह कहानी लिखने के लिए दो साल का समय देगा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के निर्माण में मध्य भारत कैसा रहा है।

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