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भूमाफिया बन्धुओ के गठजोड़ की कहानी भाग – 10

◆ 1 / 11 / 83 के गोदनामा को क्यो नकार रहे भूमाफिया
◆ कलेक्टर ऑफ स्टॉम्पस को क्यो दे रहे झूठा बयान
◆ भूमाफिया बन्धुओ के खिलाफ पंजीकरण की धारा 82 (छद्म प्रतिरोपन ) दस्तावेज कुटकरण की धारा 467 व छल की धारा 420 का अपराध भी पंजीबद्ध कराया जाना चाहिए
◆ भूमाफिया बन्धु व इनके रिश्तेदारों की जमीन खरीदी में विक्रेताओं द्वारा स्टाम्प ड्यूटी पटाने के मामले को लेकर आयकर विभाग (IT)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर सकती है जांच ?

चंद्रशेखर शर्मा
कवर्धा – भूमाफिया बंधु पंकज जैन व महावीर जैन द्वारा गोदनामा व रिश्तों को छुपाने के अलावा सड़क से फर्जी दूरी बता जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में बड़े रकबे में जमीनों की खरीद फरोख्त कर स्टाम्प ड्यूटी चुराने का खेल बेखौफ हों खेला जा रहा है । साथ ही भूमाफिया बन्धु व इनके परिजनों द्वारा की गई खरीदी में स्टाम्प ड्यूटी विक्रेता द्वारा वहन किया जाना इनकमटैक्स चोरी और मनी लांड्रिंग के खेल की ओर इशारा कर रहा है। लंबे समय से खेले जा रहे इस खेल का भंडाफोड़ करने भूमाफ़िया और इनके परिजनों द्वारा विगत 20 वर्षों में की गई खरीदी का आडिट किया जाना आवश्यक है । भूमाफिया और इनके परिजनों के जमीनों की खरीदी में किये गए घपले घोटाले और मनी लांड्रिंग के खेल को लेकर आयकर विभाग (IT)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) में शिकायत भी होने वाली है ।
भूमाफिया पंकज जैन और महावीर जैन द्वारा गोदनामा के बाद रिश्ते बदलने के बावजूद एक पिता बता भाई भाई बन कवर्धा में कराए गए भूमि के पंजीयन क्रमांक 5617 में स्टाम्प ड्यूटी चोरी की जिला पंजीयक में हुई शिकायत पर कलेक्टर ऑफ स्टाम्प ने प्रकरण दर्ज कर नोटिश भेजा जिसके जवाब में भूमाफिया बन्धुओ द्वारा लगातार झूठ बोल कर मिथ्या कथन कर कलेक्टर ऑफ स्टॉम्पस तक को गुमराह कर आवेदक की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाए जा रहे है किन्तु हाथ लगे दस्तावेज भूमाफिया बन्धुओ के पोल खोल रहे है ।
कलेक्टर ऑफ स्टाम्प कबीरधाम को दिए नोटिश के जवाब में माफिया बन्धुओ ने 26 /04/23 को संयुक्त हस्ताक्षर से जवाब पेश करते हैं जिसमें टीप अंकित करते हैं कि
“अनावेदक क्रमांक 1 अर्थात पंकज उर्फ आंनद के पिता संपतराज जी जैन ही है गोदनामा के संबंध में कोई कानून / सारभूत दस्तावेज नही है न ही वैध प्रकिया है बिदानी बाई की इच्छा को ध्यान में रखते हुए भावनावश पिता के रूप मे दलीचंद बोथरा का नाम पेनकार्ड मे दर्ज कराया गया था।”
उक्त जवाब में उनके द्वारा यह भी लेख किया गया कि 1983 में बिदामी बाई द्वारा मौखिक रूप में मात्र इच्छा पूर्ति मात्र के लिए गोद लिया गया था और भावना में बह कर पिता का नाम दलीचंद लिखवा लिया गया था ।
सम्पतराज जैन (खाटेर ) पंकज जैन उर्फ आनद व महावीर जैन के जैविक पिता है किंतु पंकज जैन उर्फ आंनद का 01 नवम्बर 1983 को गोदनामा और वसीयत नाम के आधार पर स्वर्गीय दलीचंद बोथरा के दत्तक पुत्र बन गए जिसकी तत्समय 5 रुपये के स्टाम्प बाकायद गवाहों के समक्ष लिखा पढ़ी की गई । जिसके आधार पर नजूल न्यायालय कलेक्टर कवर्धा में प्रकरण क्रमांक 2223/अ 20 (1) वर्ष 79-80 में सम्पत्ति का नामांतरण , निर्धारण व लीज नवीनीकरण के आदेश जारी किए गए थे ।
स्टाम्प ड्यूटी और बेनामी सम्पत्ति के मामले उजागर होने के बाद दलीचंद बोथरा को अपना दत्तक पिता के रूप में अस्वीकार करने वाले पंकज जैन के साथ मिलकर महावीर जैन शासन को चुना लगाने में भिड़े हुए है । दलीचंद को दत्तक पिता के रूप में नही स्वीकारने वाले पंकज और महावीर के झूठे कथन व जवाब की पोल कवर्धा नजूल न्यायलय में दर्ज प्रकरण में चली नोटशीट में 6/01/2003 को गोदनामा के सम्बंध में लेख है कि “दो गवाह के साथ सूचना जारी हो ” जिसमें महावीर जैन के हस्ताक्षर है ।
3/8/2004 को नोट शीट में अंकित है कि “पंकज आ. सम्पतराज खाटेर को दो गवाह के साथ आहूत किया जावे ।”
इसीतरह नोटशीट में 07/04/2005 को लेख किया गया हैं कि “गोदनामा प्राप्तकर्ता पंकज उर्फ आंनद तथा दो गवाह महावीर व राजेन्द्र कुमार उपस्थित उनका बयान संलग्न ।”
28/11/2002 को ताराबाई के पुत्र महावीर जैन ने आपना बयान दर्ज कराया है कि श्रीमती बिदामी बाई के स्वर्गवास के बाद उक्त मकान को आंनद बोथरा ” दत्तकपुत्र के नाम पर अभिलेख दुरुस्त करा लिया गया है । (आंनद बोथरा पंकज का ही नाम है)”
उक्त प्रकरण में महावीर के बाद पंकज उर्फ आनंद बोथरा आ.दत्तक पुत्र स्व. दलीचंद बोथरा द्वारा 07/04/2005 को अपना बयान दर्ज कराया गया था कि “धारिता ताराबाई के नाम से दर्ज भूखंड को गोदनामा व वसीयतनामा दिनांक 01/11/1983 के अनुसार पंकज उर्फ आनंद बोथरा आत्मज दलीचंद बोथरा अर्थात मेरे नाम से निर्धारण कर दिया जावे । ‘
प्रकरण में गवाह के रूप में अनावेदक महावीर जैन द्वारा दुबारा 07/04/2005 को अपना बयान दर्ज कराया है जिसमें लेख किया गया है कि “वसीयत नाम 01/11/83 के अनुसार ताराबाई के नाम से दर्ज भूखंड उनके गोदनामा व वसीयत नामा के आधार पर पंकज उर्फ आंनद बोथरा आ. दलीचंद बोथरा के नाम से निर्धारण किया जावे ।
महोदय इसी तरह महावीर जैन के भांजे राजेन्द्र कुमार आ. टोण्डरमल जैन द्वारा भी 07/04/2005 को दिए बयान में वसीयतनामा 1/11/83 व सहमति पत्र के आधार पर पंकज उर्फ आंनद बोथरा आ. दलीचंद बोथरा के नाम से निर्धारण किया जावे का लेख किया गया है ।
भूमाफिया बन्धु व उनके रिश्तेदार राजेन्द्र कुमार के बयान व संधारित्र नोटशीट से स्पष्ट है कि पंकज उर्फ आंनद का लिखित गोदनामा 01/11/1983 को हुआ जिसके आधार पर नजूल न्यायालय में ब
बिदमीबाई पत्नी दलीचंद बोथरा की सम्पत्ति का नामान्तरण व निर्धारण लीज का नवीनीकरण पकंज उर्फ आनंद पिता दलीचंद बोथरा के नाम पर हुआ । पंकज के सभी सरकारी दस्तवेज़ (आधार कार्ड को छोड़ कर ) साहूकारी , गिरवी लायसेंस , पेन कार्ड पर में पिता का नाम दलीचंद बोथरा दर्ज है । आधार कार्ड बनने के बाद 03/02/2016 को पंकज जैन द्वारा निष्पादित दस्तावेज में दत्तकपुत्र दलीचंद बोथरा ही दर्ज है । जिसमे गवाह के रूप में महावीर जैन भी है ।
पंकज के सभी राजस्व रिकार्ड नजूल के संधारण खसरा , नगरपालिका कवर्धा के सम्पत्तिकर पंजी व जलकर पंजी में पंकज उर्फ आंनद पिता दलीचंद बोथरा ही अंकित है वही मतदाता परिचय पत्र भी आनंद जैन पिता दलीचंद जैन के नाम पर है बावजूद इसके कलेक्टर ऑफ स्टॉम्पस की आंखों में धूल झोंकने की नियत से सभी राजस्व दस्तावेज़ में पिता का नाम सम्पतराज है का लेख कर जवाब दिया जाना भूमाफियाओं के शातिराना पन और झूठ को प्रमाणित करता है ।
गोदनामा के दस्तावेजो व बयान और हाथ लगे दस्तवेजो के आधार पर द हिंदू एडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट, 1956 की धारा 12 लागू होती है । उक्त धारा में स्पष्ट उल्लेख है कि व
” एक दत्तक बच्चे को गोद लेने की तारीख से सभी उद्देश्यों के लिए उसके दत्तक पिता या माता का बच्चा माना जाएगा और ऐसी तारीख से उसके जन्म के परिवार में बच्चे के सभी संबंध समाप्त हो जाएंगे। दत्तक परिवार में दत्तक ग्रहण द्वारा बनाए गए लोगों द्वारा प्रतिस्थापित और प्रतिस्थापित माना जाता है।”
पंकज जैन व महावीर जैन के रक्त सम्बन्ध बदल जाते है फिर भी पूर्व के रक्त सम्बंधो का फायदा उठाते शासन से लाभ अर्जित नही कर सकते ।
भूमाफिया बन्धु द्वारा जानबूझ कर पूर्व नियोजित योजना के तहत साजिशन शासन को क्षति पहुंचाने की नीयत से गोदनामे की बात को छुपा कर जमीन का पंजीयन करा स्टाम्प ड्यूटी चुराई गई है।जानबूझ कर किये गए कृत्य से शासन को अच्छी खासी पंजीयन शुल्क व आयकर की क्षति हुई है अतः नियमानुसार भूमाफिया बन्धुओ के खिलाफ पंजीकरण की धारा 82 (छद्म प्रतिरोपन ) का मामला भी बनता है इस आधार पर शासन प्रशासन को भूमाफिया बन्धुओ पर अभियोजन संस्थित किया जाना चाहिए साथ ही दस्तावेज कुटकरण की धारा 467 व छल की धारा 420 का अपराध भी पंजीबद्ध कराया जाना चाहिए ।
वर्सन :-
क्रेता पंकज जैन व महावीर जैन व विक्रेता जय मानिकपुरी के खिलाफ स्टाम्प ड्यूटी चोरी की शिकायत प्राप्त हुई है प्रकरण दर्ज कर क्रेता विक्रेता दोनो से जवाब मांगा गया है जांच उपरांत कार्यवाही की जावेगी । शिकायत सही पाए जाने पर नियमानुसार वसूली व कानूनी कार्यवाही की जावेगी ।
विनोज कोच्चै
जिला पंजीयक कवर्धा जिला कबीरधाम

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