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बलूचिस्तान में चीनी इंजीनियरों पर आतंकी हमला, 4 चीनी इंजीनियरों समेत 13 की मौत

दिल्ली (एजेंसी)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रविवार चीनी इंजीनियरों पर आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान में मौजूद ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के रिपोर्टर ताहा सिद्दीकी के मुताबिक हमले में 4 चीनी इंजीनियर, 9 पाकिस्तानी सैनिक और दो आतंकी मारे गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में 27 लोग घायल भी हुए हैं।

जियो न्यूज के मुताबिक चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए यहां चीनी इंजीनियर मौजूद हैं। दो साल पहले भी यहां चीनी इंजीनियरों पर फिदायीन हमला हुआ था। उसमें 9 इंजीनियर मारे गए थे।

पाकिस्तान सरकार और फौज की तरफ से मरने वालों के बारे में ऑफिशियली कोई जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि पहले फौज ने दो आतंकियों के मारे जाने का दावा जरूर किया था। बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बयान जारी करके आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।

मजीद ब्रिगेड ने दिया हमले को अंजाम

बलूचिस्तान में पहले भी फौज और चीन के टेक्निकल स्टाफ पर हमले होते रहे हैं। इस बार हुए हमले की जिम्मेदारी भी बलोच लिबरेशन आर्मी यानी (BLA) ने ली है। उसने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया। कहा- रविवार को हुए हमले में हमारे दो शहीद शामिल थे। इनके नाम नवीद बलोच और खुदाबख्श उर्फ असलम बलोच हैं। दोनों ही तुरबत इलाके के रहने वाले थे। दोनों ही मजीद ब्रिगेड से ताल्लुक रखते हैं।

चीन के नागरिक ही टारगेट पर क्यों

जापान के अखबार ‘निक्केई एशिया’ ने पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों और उनके कारोबार पर खतरे को लेकर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन की थी। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के तमाम आतंकी संगठन चीनी नागरिकों और उनके कारोबार या कंपनियों को ही निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बीते 5 साल में यहां उनकी ताकत और रसूख बहुत तेजी से बढ़ा है। कई जगहों पर तो वो स्थानीय लोगों से भी ज्यादा ताकतवर हैं।

आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की वजह से उनकी कम्युनिटी या इलाकों को नुकसान हो रहा है और वो उनके कारोबार छीन रहे हैं। शुरुआती तौर पर कराची और लाहौर जैसे इलाकों में चीनी नागरिकों के कारोबार और ऑफिसों पर हमले हुए। इसके बाद उनकी कंपनियों को टारगेट किया गया।

चीनी नागरिकों के लिए अलग प्रोटेक्शन यूनिट

2014 में पाकिस्तान सरकार ने चीन के नागरिकों की सिक्योरिटी के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाई थी। इसमें 4 हजार से ज्यादा सिक्योरिटी ऑफिशियल्स शामिल हैं। ज्यादातर सिक्योरिटी अफसर फौज से ताल्लुक रखते हैं। ये यूनिट 7567 चीनी नागरिकों को स्पेशल सिक्योरिटी मुहैया कराती है। अकेले बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों की 70 मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग हैं। इसके अलावा 24 टेम्परेरी कैम्प भी हैं। इन सभी में चीन के वो अफसर और वर्कर रहते हैं जो CPEC से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं।

 

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