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जिसने रची थी मुंबई 26/11 हमले की साजिश, पाकिस्तानी मूल का वो कनाडाई बिजनेसमैन जो लाया जाएगा भारत

Tahawwur Rana: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 2008 में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के तरफ से किए गए 26/11 के हमलों में उसकी भूमिका की जांच कर रही है.

भारत ने 10 जून 2020 को 62 साल के तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज की गई थी. इसको लेकर अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने राणा को भारत भेजने को लेकर समर्थन किया था और मंजूरी दी थी.

48 पन्नों का अदालती आदेश 
यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया के यूएस मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने सभी दस्तावेजों की समीक्षा की. उन्होंने दस्तावेजों के आधार के साथ- साथ तर्कों पर विचार किया. इसके बाद मंगलवार (16 मई) 48 पन्नों के अदालती आदेश में तहव्वुर राणा को भारत भेजने की बात कि गई.

जज जैकलीन चूलजियान ने आदेश देते हुए लिखा कि दस्तावेजों के समीक्षा और विचार के आधार पर अमेरिका के राज्य सचिव को आरोपित अपराधों पर राणा की प्रत्यर्पण की अनुमति देता है. तहव्वुर राणा को इन हमलों में भूमिका के लिए भारत के ओर से दिए गए प्रत्यर्पण अनुरोध पर अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था.

26/11 हमलों में भूमिका की जांच कर रही है NIA
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 2008 में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के तरफ से किए गए 26/11 के हमलों में उसकी भूमिका की जांच कर रही है. NIA ने कहा है कि वह उसे भारत लाने के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है.

कोर्ट की सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा (LET) में शामिल था, और हेडली की सहायता करके और उसकी गतिविधियों के लिए उसे कवर देकर, वह समर्थन कर रहा था. इममें आतंकवादी संगठन और उसके सहयोगी शामिल थे. राणा हेडली की बैठकों के बारे में जानता था, क्या चर्चा हुई थी.

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