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वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम… मेरा भारत परेशान

पहले पर्ची या पहले इलाज

मुन्नाभाई एमबीबीएस में एक लड़का ज़हर खा लेता है। उसकी मां उसे लेकर अस्पताल दौड़ती है। वहां पर उसे डाॅक्टर कहता है पहले पर्ची बनवा ले। कई मिन्नतों के बाद भी डाॅक्टर पेशेन्ट को देखने को तैयार नहीं थे। तब हीरो संजय दत्त यानि मुन्नाभाई अस्पताल पहंुचता है और मामला समझकर डाॅक्टर के गले में चाकू टिकाकर कहता है कि अभी तुझे चाकू मार दूंगा तो पहले अपना इलाज करेगा या पर्ची बनाएगा।
बस सेम स्थिति राजधानी के बड़े अस्पताल मेकाहारा यानि अम्बेडकर अस्पताल में है। नेशनल मेडीकल कमीशन के निर्देशानुसार इमरजेंसी विभाग में मरीज के आते ही तत्काल उसका इलाज किया जाना चाहिये। न नाम-पता पूछा जाना चाहिये, न पर्ची की अनिवार्यता होती है। लेकिन अपने यहां के भगवान तो पहले पर्ची पर ही जोर देते हैं। इस बीच मरीज दर्द से तड़पता रहे, कराहता रहे, चाहे उसकी जान को खतरा हो जाए इन भगवानों (डाॅक्टरों) की बला से…. । जाने कब इन धरती के भगवानों के अंदर मानवता जागेगी ?

आत्मा ले जाने में धोखा
वैेसे इसमें इन भगवानों की गलती नहीं भी है। क्या पता वे सावधानी वश ऐसा करते हों…  कारण कि अध्यात्म और धर्म के जानकार बताते हैं कि कई बार ऐसा हुआ है कि किसी स्थान के रमेशलाल नाम के व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। घर में रोना-धोना मच गया। तब लगभग 3 घंटे बाद वह मृत व्यक्ति उठ खड़ा हुआ। यानि आत्मा वापस आ गयी। आश्चर्यजनक रूप् से उसी समय उसी शहर के किसी अन्य मोहल्ले में कोई अन्य रमेशलाल नामक व्यक्ति गुजर गया। यानि नाम के धोखे में यमदूत किसी और की आत्मा लेकर चल दिये थे। उपर जाकर पता चला कि ये तो कोई और रमेशलाल है।
बात हंसने की नहीं है। ये सच्ची घटना है। कदाचित् ये रहस्य भी विज्ञान आधारित है जिस तक धरती का विज्ञान अभी पहुंच नहीं पाया है। जैसे पहले पुनर्जन्म पर वैज्ञानिक हंसते थे पर अब पुनर्जन्म को झुठलाया नहीं जा सकता।

कार्यवाही होगी या लीपापोती
तो हमारे अस्पतालों के भगवान भी डरते हैं। जब नाम होने  पर  भी धोखा हो सकता है तो बिना नाम के  इलाज कर देना तो गलती की आशंका को बढ़़ा देता है। बहरहाल… नेशनल मेडीकल कमीशन के निर्देशों का पालन न करने वाले डाॅक्टरों पर कोई कार्यवाही होगी या केवल लीपापोती कर निजात दे दी जाएगी। आखिर सारे हैं तो मौसेरे भाई।

एक भी सांसद नहीं…
टीवी डिबेट के समय आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ चड्ढा ने कहा कि ‘पंजाब चुनाव के बाद ये उभर कर आया है कि आने वाले समय में आम आदमी पार्टी कांग्रेस का विकल्प बनने जा रही है’
इस पर भाजपा प्रवक्ता ने तपाक से जवाब दिया कि ‘ये वो आदमी बात कर रहा है जिसका एक भी सांसद लोकसभा में नहीं है’

बजरंग दल बैन

कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने घोशणा पत्र में बजरंग दल और पीएफआई को बैन करने की बात कही थी। एक तो पीएफआई पहले से बैन है और दूसरी बात बैन करना केन्द्र सरकार के हाथ मंे होता है राज्य सरकार केवल सिफारिष कर सकती है। इसके अलावा यदि कांग्रेस बजरंग दल को पर प्रतिबंध लगाने का मन बना चुकी थी तो फिर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की बहुमत की सरकार है वहीं कर देना था… ? खैर अब भी कुछ नहीं बिगड़ा, अब तो सरकार में आ गयी कांग्रेस… करके दिखा दे बैन…

जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक

mo. 9522170700

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