केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शिलांग में उत्तर पूर्वी आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान के छह नए भवनों का उद्घाटन किया
एनईआईएएच में परियोजना II के तहत क्षमता विस्तार 60.16 करोड़ रुपयों के परिव्यय के साथ किया गया: श्री सर्बानंद सोनोवाल
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि इस उत्कृष्ट संस्थान का विस्तार क्षेत्र में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हम आने वाले वर्षों में देश के स्वास्थ्य सेवा समाधान वितरण प्रणाली में एकीकृत दवा की बड़ी भूमिका देखते हैं। इन नई इमारतों के माध्यम से सरकार द्वारा किए गए निवेश से देश के इस क्षेत्र में पारंपरिक चिकित्सा को फिर से जीवंत करने के हमारे प्रयास को बल मिलेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एनईआईएएच जल्द ही अपनी एम्बुलेंस सेवा शुरू करेगा।
पारंपरिक चिकित्सा में पूर्वोत्तर की भूमिका के बारे में बोलते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “हमारे पूर्वोत्तर को धरती माता का आशीर्वाद प्राप्त है, जिनके प्राकृतिक उपहार ने हमें कई पीढ़ियों का इलाज करने में मदद की है। हम बस इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि यह और अधिक लोगों की सहायता कर सके और उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद कर सके। प्रधानमंत्री मोदी जी का दृष्टिकोण एक ऐसा स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली विकसित करना है, जो प्रभावी और कुशल हो। अनुसंधान के लिए क्षमता का निर्माण और विस्तार करने और पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैज्ञानिक आधार बनाने के लिए निरंतर प्रोत्साहन के साथ, मेरा मानना है कि आज जिन छह नई इमारतों का उद्घाटन किया गया है, वे इस उद्देश्य की उपलब्धि की दिशा में एनईआईएएच के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।”
एनईआईएएच ने मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी है क्योंकि अधिक से अधिक लोग अस्पताल में बेहतर परिणाम का अनुभव कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में, अस्पताल ने अपने ओपीडी क्लीनिकों में 52,088 रोगियों की उपस्थिति देखी, जबकि 504 रोगियों को उपचार और रिकवरी के लिए आईपीडी रोगियों के रूप में भर्ती किया गया था। आयुर्वेद में, एनईआईएएच ने ओपीडी क्लीनिकों में 36,683 रोगियों की उपस्थिति देखी और साथ ही 482 रोगियों को विश्वविद्यालय के आईपीडी अनुभाग में भर्ती कराया गया। वहीँ होम्योपैथी में, इसके ओपीडी क्लीनिकों में 19,397 रोगी आए, जबकि 22 रोगियों ने स्वयं को इसमें भर्ती कराया। इसी अवधि के दौरान एनईआईएएच द्वारा 35 स्वास्थ्य शिविर और 4 सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) आयोजित किए गए।
छह नई इमारतों में 104 लोगों को समायोजित करने की क्षमता वाला एक लड़कों का छात्रावास, 104 लोगों को समायोजित करने की क्षमता वाला एक लड़कियों का छात्रावास, टाइप III क्वार्टर की 8 इकाइयां, टाइप IVA क्वार्टर की 6 इकाइयां, टाइप IVB सह निदेशक निवास की 7 इकाइयां, 25 इकाइयों के साथ एक वरिष्ठ निवासी छात्रावास, और 19 कमरों और 2 सुइट्स के साथ एक गेस्ट हाउस होंगी। इमारतों को 60.16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ बनाया गया है।
इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथिगण भी उपस्थित थे जिनमें मेघालय सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मजेल अंपरीन लिंगदोह, मेघालय सरकार के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री एएल हेक, नार्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू) की कुलपति प्रो. प्रभा शंकर शुक्ला, उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस) के निदेशक प्रो (डॉ.) नलिन मेहता, और एनईआईएएच की निदेशक डॉ नीता महसेकर भी शामिल थे।
अकादमिक क्षेत्र में, एनईआईएएच ने पहले ही छह स्नातक बैचों को बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) और बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) में नामांकित कर लिया है। 2016-17 में 50 छात्रों से अब छात्रों की संख्या बढ़कर 63 प्रति बैच हो गई है। पाठ्यक्रम नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू), शिलांग, मेघालय से संबद्ध हैं।
उत्तर पूर्वी आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान (एनईआईएएच) आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। एनईआईएएच की स्थापना आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए की गई थी। संस्थान वर्तमान में अपने संबद्ध अस्पतालों के साथ एक आयुर्वेद कॉलेज और एक होम्योपैथी कॉलेज चला रहा है। संस्थान 60 बेड वाले आयुर्वेदिक और 20 बेड वाले होम्योपैथिक अस्पताल चलाता है।
एनईआईएएच परिसर के अस्पताल निजी वार्ड, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, योग केंद्र, फिजियोथेरेपी यूनिट, पंचकर्मा यूनिट आदि से सुसज्जित हैं। ईसीजी, यूएसजी, एक्स-रे, प्रयोगशालाओं, नाड़ी तरंगिणी,आदि जैसी जांच सुविधाएं भी संस्थान में उपलब्ध हैं। संस्थान आयुर्वेद में 7 ओपीडी और होम्योपैथी में 5 ओपीडी से लैस है। आयुर्वेद के लिए 60 बेड और होम्योपैथी के लिए 20 बेड के साथ एक पूर्ण आईपीडी सुविधा उपलब्ध है। संस्थान 20 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
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