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कृषि में ड्रोन तकनीकी का उपयोग, एक एकड़ में 10-15 मिनट में हो सकेगा छिड़काव
बीजापुर 04 अप्रैल 2023ः- फसल को कीटों से बचाव और किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर कृषि वैज्ञानिकों ने नई तकनीक का इजाद किया है। किसान अब स्प्रेयर मशीन (दवा छिड़कने वाली मशीन) नही, बल्कि अब ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव करेंगे। जिससे किसानों को कई फायदे होंगे, जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर के वैज्ञानिकों द्वारा विकासखंड बीजापुर के ग्राम नैमेड़, कोत्तापाल, एरमनार एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र में छिड़काव किया गया। जिले के प्रगतिशील किसानों के फसलों में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर कीटनाशक का छिड़काव कर प्रदर्शन किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने कृषको के लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र में धान व सब्जी वर्गीय फसलों पर ड्रोन तकनीक का उपयोग कर कृषकों को बताया की फसलों में कीटनाशक का छिड़काव किस तरह करेंगे। कृषकों ने ड्रोन तकनीक को काफी पसंद किया। इससे किसानों का समय एवं लागत दोनों की बचत होगी। परम्परागत तकनीक से खेती में कीटनाशक एवं उर्वरकों के छिड़काव में काफी समय लगता है एवं छिड़काव करने के लिए मजदूर तैयार भी नहीं होते। इस स्थिति में भविष्य में यह टेकनोलाजी काफी मददगार होगी। ड्रोन से कीटनाशक एवं तरल उर्वरक फसलों में कम समय में छिड़काव किया जा सकता है। इस तकनीक से 01 एकड़ क्षेत्र में कीटनाशक एवं तरल उर्वरक के छिड़काव में 10 से 15 मिनट का समय लगता है। साथ ही इसके इस तकनीक का उपयोग से श्रमिक की आवश्यकता भी नहीं लगती है। ड्रोन तकनीक से उर्वरक उपयोग क्षमता अधिक होती है। इस तकनीक का उपयोग कर कृषक अपनी कृषि लागत को कम कर सकते है। आज से समय में जब कृषि मजदूर कम मिलते है, और मिलते भी है तो अधिक उनको परिश्रमिक अधिक देना पड़ता है। इस सब कारणों को देखते हुए यह तकनीक भविष्य में कृषि के लिए वरदान साबित होगी। प्रदर्शन के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र बीजापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख श्री बी.के. ठाकुर , उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. के.एल.पटेल, कृषि मौसल वैज्ञानिक भीरेन्द्र कुमार एवं प्रक्षेप प्रबंधक डॉ. दिनेश कुमार मरावी उपस्थि थे।