छत्तीसगढ़

अखण्ड भारत के निर्माण में सरदार पटेल का योगदान अविस्मरणीय : राज्यपाल हरिचंदन

रायपुर। लौह पुरूष, राष्ट्रीय एकीकरण के शिल्पकार, भारत रत्न, सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्र भारत के महान दूरदर्शी राजनेता और मजबूत, अडिग तथा दृढ़ संकल्पित व्यक्तित्व के धनी थे। अखंड भारत के निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। राज्यपाल हरिचंदन ने सरदार पटेल की जयंती पर  नमन करते हुए उक्त बाते कही।

राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों को दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ

31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर राज्यपाल हरिचंदन ने सरदार पटेल के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की और राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों को राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए शपथ दिलाई।

राज्यपाल हरिचंदन ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में सरदार पटेल के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सरदार पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। उन्होंने देश के छोटे-बड़े 550 से अधिक रियासतों के एकीकरण के चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक करते हुए भारत  को  सुदृढ़ बनाने का काम किया। ऐसे महान व्यक्तित्व की याद को चिरस्थायी बनाने के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘स्टैच्यू ऑफ युनिटी‘‘ का निर्माण कराया जो दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। सरदार पटेल के जन्म दिवस पर आज नई दिल्ली में शहीदों की याद में आयोजित ‘‘मेरा माटी मेरा देश‘‘ अभियान के तहत अमृत कलश यात्रा का समापन हो रहा है। देश के हर राज्य, हर कस्बे, हर गांव से लायी गयी मिट्टी राजधानी के कर्त्तव्य पथ पर अमृत वाटिका में डाली जायेगी।

राज्यपाल ने कहा कि उनकी जयंती पर हमे उनके व्यक्तित्व और विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए और उनके अनुशासित जीवन से सीख लेना चाहिए।

इस अवसर  पर राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उपसचिव दीपक अग्रवाल सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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