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युवाओं को प्रगति और विकास के नित नये अवसर मिलेंगे : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

“मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना- युवाओं के लिये लर्न एण्ड अर्न
7 जून से संस्थानों और 15 जून से युवाओं का पंजीयन होगा प्रारंभ
15 जुलाई से शुरू होंगे प्लेसमेंट

प्रशिक्षणार्थियों को स्टाईपेंड

“मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” में एक लाख युवाओं को 703 चिन्हित क्षेत्रों में दक्ष करने का प्रारंभिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जा सकेगा। योजना में मध्यप्रदेश के 18 से 29 वर्ष के स्थानीय निवासी 5वीं से 12वीं उत्तीर्ण युवा को 8 हजार रूपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपये, डिप्लोमाधारी को 9 हजार रूपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10 हजार रूपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जायेगा। राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी। प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिये स्वतंत्र होंगे।

पंजीयन प्रक्रिया

योजना में ट्रेनिंग देने वाली संस्थाओं का पंजीयन 7 जून से और युवाओं का पंजीयन 15 जून से शुरू होगा। युवाओं का प्लेसमेंट 15 जुलाई से होगा। राज्य शासन और ट्रेनिंग देने वाली संस्थाओं के मध्य 31 जुलाई को अनुबंध होगा। योजना में युवाओं को एक अगस्त से प्रशिक्षण दिया जाना शुरू हो जायेगा।

योजना में चिन्हित प्रतिष्ठानों का पेन एवं जीएसटी पंजीयन अनिवार्य होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्य-बल के 15 प्रतिशत की संख्या तक प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। जिन प्रतिष्ठानों में कम से कम 20 लोग नियमित रूप से कार्यरत हों, उनके कुल कार्य-बल की गणना ईपीएफ जमा करने के आधार पर की जायेगी। युवाओं को स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जायेगा।

“मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया गया है। समिति में वित्त, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, श्रम, उच्च शिक्षा के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव सदस्य मनोनीत किये गये हैं। प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार समिति के सदस्य सचिव होंगे।

चिन्हित कार्य-क्षेत्र

योजना में युवाओं को प्रशिक्षण के लिये 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, आईटी सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा प्रशिक्षण, सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान आदि को शामिल किया गया है।

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