विकसित छत्तीसगढ़ की ओर : पीएम मोदी ने ₹14,260 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव को संबोधित किया। यह महोत्सव छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर, प्रधानमंत्री ने सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ी ₹14,260 करोड़ से अधिक की विकास एवं परिवर्तनकारी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
रजत जयंती पर शुभकामनाएँ और स्मृतियाँ
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता को राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस रजत जयंती समारोह में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने याद दिलाया कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में राज्य गठन से पहले का समय देखा है और पिछले 25 वर्षों की यात्रा के साक्षी भी रहे हैं।
“25 वर्ष पहले अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने आपके सपनों का छत्तीसगढ़ आपको सौंपा था,” प्रधानमंत्री ने कहा। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। उन्होंने राज्य की यात्रा पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि जनता के सामूहिक प्रयासों से अनेक उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं, और “25 वर्ष पहले जो बीज बोया गया था, आज वह विकास के वटवृक्ष में बदल चुका है।”
नए संरचनाओं और संपर्क को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने नया विधानसभा भवन को राज्य के लोकतंत्र का ‘नया मंदिर’ बताया। इससे पहले उन्होंने जनजातीय संग्रहालय का भी उद्घाटन किया।
सड़क और रेल संपर्क
प्रधानमंत्री ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ के गाँवों में 40,000 किलोमीटर से अधिक का सड़क नेटवर्क विकसित हो चुका है।
बीते 11 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है और नए एक्सप्रेसवे राज्य की प्रगति का प्रतीक बन रहे हैं। उदाहरण के लिए, रायपुर से बिलासपुर की यात्रा का समय अब आधा हो गया है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ और झारखंड को जोड़ने वाले नए चार लेन ग्रीनफील्ड हाईवे की घोषणा की, जो क्षेत्रीय संपर्क को और मजबूत करेगा।
रेल और वायु संपर्क में भी राज्य नई ऊँचाइयों पर है। वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी तेज ट्रेनें चल रही हैं और रायपुर, बिलासपुर व जगदलपुर जैसे शहरों में सीधी हवाई सेवाएँ उपलब्ध हैं।
औद्योगिक प्रगति
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो छत्तीसगढ़ कभी केवल कच्चे माल के निर्यात के लिए जाना जाता था, वह अब एक औद्योगिक राज्य के रूप में उभर रहा है। उन्होंने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों और सरकारों के योगदान की सराहना की, विशेष रूप से डॉ. रमन सिंह की भूमिका को महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ तेज गति से विकास की राह पर है।
स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और आवास
प्रधानमंत्री ने गरीबी को करीब से देखने के अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि इसलिए उनकी सरकार ने गरीबों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
स्वास्थ्य सुविधाएं
आज छत्तीसगढ़ में 25 वर्ष पहले के एक मेडिकल कॉलेज की तुलना में अब 14 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर उपलब्ध हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की शुरुआत भी छत्तीसगढ़ से हुई थी, और आज राज्य में 5,500 से अधिक ऐसे केंद्र हैं।
आवास और जीवन स्तर
उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि हर गरीब सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।”
बीते 11 वर्षों में देश में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के मकान मिले हैं, और अब 3 करोड़ नए घरों के निर्माण का लक्ष्य है।
आज के दिन छत्तीसगढ़ में 3.5 लाख परिवारों ने अपने नए घरों में प्रवेश किया और लगभग 3 लाख परिवारों को ₹1,200 करोड़ की राशि वितरित की गई।
राज्य के हर गाँव में बिजली पहुँच चुकी है और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी बढ़ रही है। पहले जो एलपीजी कनेक्शन एक सपना था, आज वह हर वर्ग तक पहुँच चुका है।
ऊर्जा और जनजातीय गौरव
गैस पाइपलाइन
प्रधानमंत्री ने नागपुर-झारसुगुड़ा गैस पाइपलाइन (489 किमी) को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसकी लागत ₹1,950 करोड़ है। यह पाइपलाइन के माध्यम से सस्ती गैस उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जनजातीय विकास और सम्मान
छत्तीसगढ़ एक प्रमुख जनजातीय जनसंख्या वाला राज्य है।
जनजातीय गौरव को सम्मान देने के लिए देशभर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों की स्थापना की जा रही है और भगवान बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है।
आज उद्घाटित शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय 150 वर्षों से अधिक के जनजातीय इतिहास को दर्शाता है।
जनजातीय विकास के लिए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ नामक ₹80,000 करोड़ का कार्यक्रम चल रहा है, जिसे स्वतंत्र भारत में जनजातीय क्षेत्रों के लिए अब तक का सबसे बड़ा प्रयास बताया गया।
वन धन केंद्रों और तेंदूपत्ता खरीदी की बेहतर व्यवस्था से जनजातीय परिवारों की आय में वृद्धि हुई है।
नक्सलवाद से मुक्ति
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ अब नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद से मुक्त हो रहा है।
उन्होंने याद दिलाया कि 50-55 वर्षों तक नक्सलवाद ने राज्य को हिंसा में झोंक रखा था।
पहले जहाँ 125 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, वहीं आज केवल 3 जिले ही शेष हैं।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ और पूरा देश माओवादी आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त होगा।
हाल के महीनों में कोंडागांव, कांकेर और बस्तर में सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
उन्होंने विकास की ओर बढ़ रहे गाँवों का उदाहरण दिया, जहाँ पहली बार बिजली पहुँची (बीजापुर का चिलकापल्ली) और पहली बार स्कूल बना (अबूझमाड़ का रेकेवाया)।
विकसित भारत 2047 के लिए निर्णायक भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आने वाले वर्षों की यात्रा निर्णायक होगी, क्योंकि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में विकसित छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से कहा कि यह उनका समय है, और केंद्र सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
अंत में, उन्होंने मिलकर छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने और भारत को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम, श्री दुर्गादास उइके, श्री टोकन साहू, सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
















