छत्तीसगढ़ दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह : बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार में शिरकत

रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 और 4 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे। कार्यक्रम के अनुसार, वह शुक्रवार रात 8 बजे रायपुर पहुँचेंगे और होटल मेफेयर में रात्रि विश्राम के लिए रवाना होंगे। अगले दिन, शनिवार को, वह सुबह 11 बजे जगदलपुर के लिए उड़ान भरेंगे।
दोपहर में, गृह मंत्री जगदलपुर पहुँचकर 12 बजे से 12:30 बजे के बीच दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद, वह 12:30 बजे से 1:30 बजे तक मुरिया दरबार में शामिल होंगे और फिर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक सेवा पखवाड़ा प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। इन कार्यक्रमों के पश्चात, वह सवा तीन बजे जगदलपुर से प्रस्थान करेंगे।
बस्तर दशहरा के ‘मुरिया दरबार’ में अमित शाह की उपस्थिति
4 अक्टूबर को सिरहासार भवन में मुरिया दरबार का आयोजन किया जाएगा, जो बस्तर दशहरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, प्रदेश मंत्रिमंडल के मंत्रीगण, बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधि और देश-प्रदेश के अन्य गणमान्य नेता उपस्थित रहेंगे। राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है जब कोई केंद्रीय गृह मंत्री बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में सीधे जनता की बात सुनेंगे।
अमित शाह अपने बस्तर प्रवास के दौरान मिशन 2026 के तहत नक्सल उन्मूलन अभियान पर भी विस्तृत चर्चा करेंगे।
इस दौरे के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘नक्सलवाद से मुक्ति और शांति की ओर बढ़ रहा बस्तर अपने पर्व-त्योहार पूरे उत्साह से मना रहा है। आदिवासी संस्कृति और विरासत का प्रतीक, 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा के ‘मुरिया दरबार’ में आने का निमंत्रण मिला है। मैं इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर बेहद उत्साहित हूँ।’
मुरिया दरबार: एक ऐतिहासिक संवाद की परंपरा
मुरिया विद्रोह के बाद 8 मार्च 1876 से मुरिया दरबार की परंपरा शुरू हुई थी। यह दरबार जनता और तत्कालीन राजा के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का मुख्य माध्यम था। उस समय, बस्तर के गाँवों के मुखिया, जिन्हें मांझी-चालकी कहा जाता था, अपनी समस्याएं और सुझाव दरबार में रखते थे और तत्कालीन शासन से उनका समाधान पाते थे।
स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत में, मुरिया दरबार की यह परंपरा आज भी जनप्रतिनिधियों और लोकतांत्रिक पदों पर आसीन व्यक्तियों तक जनता की समस्याओं को पहुँचाने का जरिया बनी हुई है। इस बार यह अवसर और भी खास है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहली बार मुरिया दरबार में उपस्थित होंगे और मांझी चालकी द्वारा प्रस्तुत समस्याओं और सुझावों को स्वयं सुनकर उनकी गंभीरता को समझेंगे।