छत्तीसगढ़

पुराने मंदिर से मूर्तियाँ हटाने पर हंगामा, हिंदू संगठनों ने दर्ज कराई FIR

राजनांदगांव। शहर के नंदई चौक इलाके में स्थित सतनाम धाम के पास एक प्राचीन धार्मिक स्थल से देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हटाए जाने को लेकर रविवार को भारी तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। कई वर्षों से पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिष्ठित हनुमान जी की मूर्ति, शिवलिंग और त्रिशूल को स्थानीय निवासियों को बताए बिना वहां से हटा दिया गया था।

घटना का विवरण

मामला तब प्रकाश में आया जब नियमित रूप से दर्शन करने पहुँचने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर को खाली पाया। स्थानीय लोगों को जानकारी मिली कि कुछ अज्ञात लोग इन पवित्र प्रतीकों को विसर्जन के लिए मोहारा नदी ले गए हैं। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थानीय लोग नदी के तट पर पहुँचे और मूर्तियों को वापस लेकर आए।

विवाद और आक्रोश के मुख्य बिंदु

घटना की भनक लगते ही विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में नंदई चौक पर एकत्र हो गए। संगठनों ने इसे धार्मिक आस्था पर चोट बताया है।

आरोप: हिंदू संगठनों का दावा है कि एक विशेष समूह द्वारा अपने परिसर के विस्तार की योजना के तहत इन मूर्तियों को हटाया गया।

नाराजगी: बिना किसी सार्वजनिक सूचना या आपसी सहमति के मूर्तियों को विसर्जित करने की कोशिश को लेकर भक्तों में गहरा रोष है।

पुलिस की कार्रवाई और वर्तमान स्थिति

हालात बिगड़ते देख प्रशासन और पुलिस बल मौके पर पहुँचा। पुलिस के हस्तक्षेप और समझाइश के बाद:

पवित्र प्रतिमाओं और शिवलिंग को सम्मानपूर्वक पुनः उसी स्थान पर स्थापित किया गया।

हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि मंडल ने बसंतपुर थाने पहुँचकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पुलिस का बयान: अधिकारियों के अनुसार, मामले की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। वर्तमान में क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम है और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए निगरानी रखी जा रही है।

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